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लघुविद्यानुवाद
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___ मुद्रा ताडय २ यं यं २ पर २ प्रज्वल २ प्रज्वालय २ धम २ धूमान्धकारिणी रा २
प्रा २ क्ली ह व २ नन्द्यावर्त मुद्रया त्रासय २ भव्य शङ्खचक्र मुद्रया छिन्द २ भिन्द २ म्म्य ग त्रिशूलमुद्रया छेदय २ भेदय २ म्यं ध मुशल मुद्रया ताडय २ पर विद्या छेदय २ परमन्त्र भेदय २ म्यं घम २ बन्धय २ मोचय २ हलमुद्रया बय २ व प कुरु २ वम्व्यं प्रा प्री घू प्रौ प्र समुद्रे मज्ज मज्ज छमलवयं छा छी छ् छौ छ: मन्त्राणि छेदय छेदय । परसैन्यमुच्चाटय उच्चाटय । पर रक्षा क्षः क्ष क्षः हू ३ फट् । परसैन्य विध्वसय विध्वसय । मारय मारय दारय दारय । विदारय विदारय, गति स्तम्भ्य स्तम्भ्य भम्ल्यू भ्रा भ्री भ्रौ भ्र भ्र. श्रवय श्रवय श्रावय २ यम्ल्यू य. प्रेषय २ प छेदय २ द्वेषय २ विद्वेषय २, स्म्य स्रौ स्रावय लावय मम रक्षा रक्ष रक्ष, परमन्त्र क्षोभय क्षोभय । छेद छेद छेदय २, भेद २, भेदय २ सर्वयन्त्रा स्फोटय २ म २, म्म्यं भ्रा भ्री भ्रू भ्रौ भ्र भ्रामय २, स्तम्भय २, दु खय २, खाय २ ब्ल्यू ब्रा वी ब्र ब्रौ ब्र फट् हा, ग्रीवा भजय २, मोहय २, त्म्ल्यू त्रा त्री त्र त्रौत्र त्रासय २, नाशय २, क्षोभय २, सर्वाङ्ग क्षोभय २, चल चल, चालय २ भ्रम २, भ्रामय २, धूनय २, कम्पय २, प्राकम्पय २, झम्यं स्तम्भय २ गमन स्तम्भय २, सर्वभूत प्रमर्दय २, सर्वदिशि बन्धय २, सर्व विघ्नच्छेदय २, निकृन्तय २, सर्व दुष्टान निग्राहय २, सर्व यन्त्राणि स्फोटय २, सर्वशृङ्खलान् त्रोटय २, मोटय २, सर्वदुष्टानाकर्षय २, हम्ल्यू ह्रा ह्री ह्र ह्रौ ह्र शान्ति कुरु २, तुष्टि कुरु २, स्वस्तिक कुरु २, उप्रां को ह्री ह्रौ पद्मावती । प्रागच्छ २, सर्वभय मम रक्ष २, सर्वसिद्धि कुरु २, सर्वरोग नाशय २, किन्नरकिपुरुष गरुडगन्धर्व ८ कुष्माण्डिनी-डाकिनी बन्ध सरय २, सर्व शाकिनी मर्दय २, सयोगिनीगण चूर्णय २, नृत्य २, गाय २, कल २, कल २, किलि २, हिलि २, मिलि २, सुलु २, मुलु २, कुलु २, कुरु २, अस्माकम वरदे । पद्मावति । हन २, दह २, पच २, सुदर्शनचक्रेण छिन्द २, ह्री क्ली ह्री ह्रा ही न ह भ्रू व ह्र ग्रो प्ली श्री त्रा त्री ह्रा २ प्रा प्री २ प्रू २ पद्मावती धरणेद्र आज्ञापयति स्वाहा ।
यह माला मन्त्र पाठान्तर पद्मावती उपासना की है जसको प्रति अहमदाबाद से छपी
विधि :-इस मत्र का बारह हजार जप करने से ये मत्र सिद्ध होता है, ये मोहिनी विद्या है ।
मन्त्र :- ॐ कों ह्री अजिताय प्रागच्छ ह्री स्वाहा । ॐ नमो जुभे मोहे स्तंभे
स्तंभिनी स्वाहा । ॐ नमो (भगवती) गंगा देवी कालिका देवी पाव्हाननः ॐ महामोहे स्वाहा।