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लघुविद्यानुवाद
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'मन्त्र :-ॐ क्षीं सां ह्र ज्वीं क्षीं ह्रौ हं सः । ये विष हरण मन्त्र है । (४) . ॐ कार मे देवदत्त गर्भित करके ॐ कार से संपुट करे। अष्ट वज्राकित करके ॐ कार
लिखे। वज्र पर्यत लकार को लिखे। सब जगह मे भी, और भी यत्र नं ५ ॐ कार मे देवदत्त गभित करके उसके बाहर ॐ कार द्वय सपुट, उसके बाहर मे स्वरो को लिखे, दिशा विदिशाओं मे वज्राष्ठिभिन वज्र के द्वारा, ॐ कार मे सर्वत्र स कार वज्र ही दिखना चाहिये।
श्लोक नं. ७ विधि नं. १ यन्त्र नं. ३
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विषनाशक यंत्र