________________
लघुविद्यानुवाद .
२६६
खलेगे? और क्या बन्द होगे? इस यन्त्र की गिनती किस प्रकार से करना चाहिए। इस यन्त्र की आम्नाय गुरू नाम से प्राप्त हो जाय तो कार्य सिद्ध होते देर नही लगती । इस यन्त्र को द्रव्य प्राप्ति हेतु चितामणि यन्त्र भी कह देना तो अतिशयोक्ति नही है। नसीब जोरदार हो तो देर नही लगती। यह यन्त्र विशेष करके वस्तुयो का भाव जानने के काम का है। इसकी गिनती का अभ्यास करने से जानकारी हीगी । इष्ट देव के स्मरण को नहीं भूलना चाहिये । दान-पुण्य करने से इच्छाएं फलती है ।।५४॥
यन्त्र न ५४
tu
१०
२६१२४६२५/२५५२२५५२ ६३४१ ९५१ ७४६७
२५३७ |७४३७ |६८८१ ०३ १३४२ ६८९७५७२५
५५०६७/५२२५०६२६६६७४
WO | GK
.०० | 0
७:५७ |६६०२४७६६८०७६ ४००० ८१४०३०७० |५३५५
४१३२
७३५३ ९५६१
००
७८
wm
Wm |
४६७४ २५४०
|
३७६०
३६०४ १७७६ (५३२६४११५ ०८५३ ५०८१ १३५६ ४१०० २०२४ ७५०४ ७०.१६४२८८२२४०४/१९८२७१०३/७३६६
५६६६
२७y
७५.२८८६ २५८०३००३६
mmit |
१४५०४७३३७१५१७२५१६७३७५ ३५३७ ५७७३३३६८२८६१६००७३१३७६५४६ २१०४]
Narior
६६०२८००५६००६। ६५३७ ६३38 ३८८१७५६२५३८४८६७१.४१७०६:५४६३
४६:४
music
m9 m. I09 Im
८७० ६८ ५२१५२६/७३५३
-1८३७०/७३३११६१७ ७६०७६७
७५६४/७०५७ ४१७५ १२६७१ ३००३।५३६८ ३६६९३६२०५४१२०४/३१४२
Pune
|
४००४ ३७०२ ००७ १८८१:२६०७/१८२८३१६२॥
३६४० |४७६४२० ७३६५३७०२।१६१७०३८६१६७128
mon
३७०७ ३८८० ०७४
६३73
|
३.००३
Un
२६७३
८६३०:१२३२५५२/ ७००७ ५७८०।००६५८६१६४८६
रह
१ का १८ । 1
-
१४०४४:८४८७१
ار
.८५७०८५
। ०
। 190mm !
10: १६ ०५.६०१०८
।
.
'
-
-
.
...
-
.
.
.
-
१
४
:३:५०
:१६