________________
२०२
विधि - इस मन्त्र से धूलि, अथवा ककर, अथवा भस्म, १०८ मन्त्रित कर साप के ऊपर डालने से साप कीलीत होता है ।
मन्त्र :- ॐ गंगयमण उंची पीपली जारे सर्थ निकल वोर ।
विधि – इस मन्त्र से भस्म १०८ बार मन्त्रित कर सर्प पर डालने से कीलित किया हुआ सर्प छुट जाता है ।
मन्त्र :- ॐ काली कंकारूं वाली महापत्र राली हूं फट् स्वाहाः ।
विधि : - इस मन्त्र से भस्म १०८ बार मन्त्रित कर आँख ( चक्षु) पर पट्टी बाधने से नेत्र अच्छे होते है ।
मन्त्र
विधि
मन्त्र
लघुविद्यानुवाद
विधि
मन्त्र
विधि
मन्त्र
- ॐ नमो गंगा यमुना की आरण बल खीलु होठ कठ मुख खीलु तेरी वाट घाट जीतु प्राया तर धरती ऊपर आकाश मरीन सकै काढिसा सलवा २ कोयला करी कर वहा काल राजारि रूघोच्यार दुआर हाली चाली कु तरी पछारी लख गरूडदसर अफीरि फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा |
- इस मन्त्र से सर्प का मुह स्थाभन किया जाता है ।
- ॐ नमो सु उखिलरणभई वाचा भई विवाच इसर गोरी नयनस जो वै सिर मुकलाया केस कमर धोवती करै वाभरण का वेस मइतो सरपा छोडि फिर करि च्यारू दसर अफरि फुरो मन्त्र इश्वरो वाचा ।
- इस मन्त्र से सर्प का मुख स्तम्भन किया हुआ छूटता है ।
-- ॐ नमो लोह में तालु लोह मै जडीउ वज्र मै जडीउ तालो उघडि तालो न उघडै तो वज्र नाथ की प्राज्ञा न उघडै तो राम सीता की आज्ञा फुरै तत्त उघडै तो नार सिह वीर प्रज्ञा फुरै ठ ठ स्वाहा ।
-वार ७ वा २१ ताला को मन्त्रित कर तीन बार ताला को हाथ से ठपका लगावे तो ताला खुल जावे ।
:- ॐ नमो कामरू देश कामक्ष्या देवी लकामाहि चॉवल उपाय किसका चोर किसका वै चावलपीरकानुगाधीरमे रामनुकाचाउल चिडा चोर को मुख लागै साह उगरण उखा चौर कै मुख लोही नी कावै चौर छटे तो महादेव को पत्र फुटै फुरो मन्त्र इश्वरो वाचा ब्रह्मा वाच विष्णु वाच सूर्य चद्रमा वाच पवन पाणी वारणी वाच ।
विधि - इस मन्त्र से चावल २१ वार मन्त्रित कर चबावे तो चोर के मुह मे खून निकले ।
मन्त्र .-- ॐ नमो ब्राह्मण फीटि योगी हुया त्रोर ज नोइ नासकी फुटकर गलइ पछा नासिह कीर की प्रारण फिरइ ए ।