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लघुविद्यानुवाद
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मन्त्र :- ॐ नमो भगवती पद्मावती सर्व जन मोहिनी सर्व कार्य कारणी विधन संकट हरणी मन मनोरथ पूरणी मम चिंता चूरणी ॐ नमो पद्मावती नमः
स्वाहा ।
विधि :- इस मन्त्र का साढे बारह हजार जप करना चाहिये, त्रिकाल जाप करे । अखण्ड दीप धूप रखना, शुद्ध भूमि, शुद्ध वस्त्र और शरीर शुद्धि का पूरा ध्यान रखे, पार्श्व प्रभु के मूर्ति के सामने अथवा पद्मावती के सामने सफेद माला पूर्व दिशा की तरफ मुख रखना, एकाग्रता से जप कर सिद्धि करना, इस मन्त्र का सवा लक्ष जप भी कहा है ।
मन्त्र — ॐ नमो भगवती पद्मने पद्मावती ॐ ऐं श्री ॐ पूर्वाय, दक्षिणाय, पश्चिमाय उत्तराय, प्रारण पूरय, सर्व जन वश्यं कुरु २ स्वाहा ।
विधि :- इस मन्त्र का सवा लक्ष जप करना तब मन्त्र सिद्ध हो जावेगा, फिर प्रातः काल एक माला नित्य फेरना जिससे प्राय बढेगी, बेकार का कार्य मिटेगा । मन्त्र दीप, धूप, विधान से जपना सकलीकरण पूर्वक | भगवान के सामने I
मन्त्र :- ॐ पद्मावती पद्मनेत्र पद्मासने लक्ष्मी दायिनी वांच्छा पूर्ण भूत प्र ेत निग्रहरणी सर्व शत्रु, सहारिणी, दुर्जन मोहिनी, ऋद्धि वृद्धिं कुरु २ स्वाहा ॐ ह्रीं श्रीं पद्मावत्यै नमः स्वाहा ।
विधि - इस मन्त्र का जप दीप धूप विधान से भगवान के सामने बैठ कर सवा लक्ष जप करना, धूप मे गुग्गुल, गोरोचन, छाड छबीला, कपूर, काचरी इस सबको कूट कर गोली बना लेवे, शनिवार अथवा रविवार की रात्रि को लाल वस्त्र, लाल माला लाल आसन, लाल वस्त्र पर स्थापना करके जाप एक २ गोली अग्नि मे डालते हुए एक एक मन्त्र के साथ खेवे और एक एक मन्त्र के साथ लाल पुष्प भी रखता जाय, इस प्रकार सवा लक्ष जप एक महीने मे पूरा करे । मन्त्र जपने के समय एक महीने तक ब्रह्मचर्य पाले तब मन्त्र सिद्ध होगा । फिर नित्य ही प्रात काल ११ या २१ बार मन्त्र का नित्य ही स्मरण करे, आय बढेगी, लक्ष्मी प्रसन्न होगी, सुख शान्ति मिलेगी ।
मन्त्र :- ॐ पद्मावती पद्म कुंशी वज्र वज्र कुशी प्रत्यक्ष भवन्ति २ स्वाहा । विधि
-- इस मन्त्र का जाप इक्कीस दिन मे एक एक हजार नित्य करके पूरा करे, जाप दीप धूप विधान पूर्वक अर्द्धरात्रि मे एकाग्रता से करे तो मन्त्र सिद्ध होगा । फिर एक माला नित्य ही फेरे । लक्ष्मी की प्राप्ति होगी । वस्त्र शुद्धि का पूरा २ ध्यान रखे ।