Book Title: Kasaypahudam Part 10
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Mantri Sahitya Vibhag Mathura
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मार्गदर्शक :- आचार्य श्री सुविधिसागर जी महाराज
जयवलासहिदे कसा पाहुडे
।
[ वेदगो ७
* एवं पुए सुक्तं पडिवोरणाए
६१५. कुदो | कदिसदस्स भेदगरणणप्पयस्स अरणत्थासंभवादो। एतदुक्तं भवति पथ डिउदीरण्ा दुबिहा— मूलपयडिउदीरणा उत्तरपयडिउदीरणा च । उत्तरपर्याडिउदीरणा दुविधा - एगेगुत्तरपय डिउदीरणा पर्याडिङ्काणउदीरणा चेदि । एत्थ पयडिउदीरणाए पडिवद्धमेदं सुतं णाण्णत्थेति । जइ एवं मूलपय डिउदीरणाए एगेगुत्तरपडिउदीरणाए व एत्थ परूवणा ण जुञ्जदे; गाहासुतेण तासिमसंगहियत्तादो ? ण एस दोसो देसमासणारा तेसिं पि तत्थ संगहियत्तादो ।
* एवं तावद्ववणीयं ।
१६. एदं पयड | पुदीरणापडिबद्धं सुत्तपदं ताव इवणीयं । किं कारणं ? एगेगपय डिउदीरणाए अपरूविदाए तप्परूवणासंभवादो !
* एगेगपपडिउदीरणा दुविहा--- एगेगमूल पपडिउदीरणा च एगेगुतरपय डिउदीरणा च ।
१७. एगेगपय डिउदीरणा ताव मूलुत्तरपयडिभेय मिरगा विहासिन्या चि gi हो ।
* पदापि वे व पत्तेगं बउवीसमणियो गद्दारेहिं मग्गिऊण ।
हुआ है।
* परन्तु यह सूत्र प्रकृतिस्थानउदीरणामें प्रतिबद्ध है ।
१५. क्योंकि भेदोंकी गणना करनेवाला 'कति' शब्द अनर्थक नहीं हो सकता । तात्पर्य यह है - प्रकृति उदीरणा दो प्रकारकी है - मूल प्रकृति उदीरणा और उत्तर प्रकृति उदीरणा | उत्तर प्रकृति उदीरणा दो प्रकारकी है- एकैकप्रकृतिउदीरणा और प्रकृतिस्थानउदीरणा | इनमेंसे यहाँ पर प्रकृतिस्थानउदीरणा में यह सूत्र प्रतिबद्ध है, अन्यत्र नहीं ।
शंका- यदि ऐसा है तो मूलप्रकृतिउदीरणा और एकैकप्रकृतिउदीरणा इनकी प्ररूपणा यहाँ पर नहीं बनती, क्योंकि गाथा सूत्र द्वारा उनका संग्रह नहीं किया गया है।
समाधान-- यह कोई दोष नहीं है, क्योंकि देशामर्षक न्यायसे उनका भी उसमें संग्रह
* परन्तु इसे स्थगित करना चाहिए ।
६ १६. प्रकृतिस्थान उदीरणासे सम्बन्ध रखनेवाले इस सूत्र पदको स्थगित करना चाहिए, क्योंकि एकै प्रकृतिउदीरणा की प्ररूपणा किये बिना उसकी प्ररूपणा नहीं हो सकती ।
* एकै प्रकृतिउदीरणा दो प्रकारकी है— एकैकमूलप्रकृतिउदीरणा और एकैक उत्तरप्रकृतिउदीरणा |
१७. मूलप्रकृतियों और उत्तरप्रकृतियोंके भेदसे भेदको प्राप्त हुई एकै प्रकृतिउदीरणा सर्वं प्रक्षम व्याख्यान करने योग्य है यह उक्त कथनका तात्पर्य है ।
* इन दोनों ही प्रकारकी उदीरणाओं को पृथक् पृथक् चौबीस अनुयोगद्वारों केआपसे अनुमार्गण करके