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भावनामों में स्वामित्व प्रदर्शक यन्त्र
सामान्य बन्धयोग्य १०० प्रकृतियाँ
गुणस्थान आदि के चार तीर्थंकर नामकर्म ( १ ) से आतप नामकर्म (२०) तक की २० प्रकृतियों
से विहीन - १००
पंकप्रभा, धूपमा, तमः प्रभा मरकजय का बन्ध-स्वामि
गु०क्र०. बन्ध योग्य
१
२
१००
६६
७०
७१
अवन्ध
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|१ मनुष्यायु
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पुनः बन्ध
X
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१ मनुष्यायु
ननः
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बन्ध-विच्छेद
नपुंसकवेद, मिध्यात्व, देवार्त संह
४
नरक सामान्यवत् अनन्तान क्रोध (२५) से लेकर तिय चायु (४६) तक:
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०२५