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नराज.... मनुष्य आयु
मन
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नाज - ज्ञान
नाम नामकर्म
भारराय - नाराच संहनन । दोनों ओर मर्केट बन्ध रूप अस्थि रचना
निग्मोह -- न्यग्रोध परिमण्डल संस्थान
नियम -- रचना
निरज्जोय नीषगोत्र, उद्योतनाम निष्व --- छिपाना, अपलाप करना निम्माण (मिमिण ) -निर्माण नामकर्म fee (नीय) अपना अपना नीचगोत्र नियद्ध-- निवृत्ति (अपूर्वकरण) गुणस्थान निरथ--नरक, नारक ( नरक के जीव )
मेय -- जानने योग्य
कसाय
नोकषाय मोहनीय
पंकार - पंकप्रभा आदि नरक
ओर
पएस प्रदेशबन्ध
पोस -- अति (ख)
पह-- तरफ,
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तृतीय मंत्रम्य परिशिष्ट
पञ्चकखाण... प्रत्याख्यानावरण कषाय
पनस पर्याप्त नामकर्म
पति-- पर्याप्ति (पुद्गलोपचय-जन्य शक्तिविशेष)
पजय --- पर्याय पर्याय त
पट्ट - बेठन
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