Book Title: Karmagrantha Part 3
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 260
________________ २३२ नराज.... मनुष्य आयु मन Mday नाज - ज्ञान नाम नामकर्म भारराय - नाराच संहनन । दोनों ओर मर्केट बन्ध रूप अस्थि रचना निग्मोह -- न्यग्रोध परिमण्डल संस्थान नियम -- रचना निरज्जोय नीषगोत्र, उद्योतनाम निष्व --- छिपाना, अपलाप करना निम्माण (मिमिण ) -निर्माण नामकर्म fee (नीय) अपना अपना नीचगोत्र नियद्ध-- निवृत्ति (अपूर्वकरण) गुणस्थान निरथ--नरक, नारक ( नरक के जीव ) मेय -- जानने योग्य कसाय नोकषाय मोहनीय पंकार - पंकप्रभा आदि नरक ओर पएस प्रदेशबन्ध पोस -- अति (ख) पह-- तरफ, T TYM तृतीय मंत्रम्य परिशिष्ट पञ्चकखाण... प्रत्याख्यानावरण कषाय पनस पर्याप्त नामकर्म पति-- पर्याप्ति (पुद्गलोपचय-जन्य शक्तिविशेष) पजय --- पर्याय पर्याय त पट्ट - बेठन BAJAJHY

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