Book Title: Karmagrantha Part 3
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 267
________________ शब कोश सुभ-सुन्दर, अच्छा, शुभ नामकर्म सुमग-सुभग नामकर्म सुय--श्रुतशान सुरहगुणवीस—सुरैकोनविंशातिदेवमति बादि 16 प्रफुलियो सरहि-सुरमिगंध नामकर्म सरा...देवायु ससर ... सुस्वर नामकर्म सुह... गुभ नामकर्म, मुखप्रद, सुख सुहम-सूक्ष्म नामकर्म; सूक्ष्मसंपराय चारित्र ; सूक्ष्मपराय गुणस्थान सुसमसिंग-सूक्ष्मनिक (सूक्ष्म, अपर्याप्त, साधारण नामकर्म) सहमतेर... सूक्ष्म नामकर्म आदि तेरह प्रकृतियां सूसर-सुस्वर नामकर्म सेयर--स-इतर--स-प्रतिपक्ष सेलस्यंमो--पत्थर का खम्मा (मान कषाय के एक भेद की उपमा) हजि-बेड़ी हसिद- हारिद्र नामकर्म हवाइ है, होता है होह----होता है हास हाँसी हास्य-हास्य मोहनीय हुउ-हूँइसंस्थान हेउ हेतु, कारण हो...होता है तत्तीय अन्य समाप्त

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