Book Title: Karmagrantha Part 3
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 263
________________ 500MMISLIM ..... सब कोश मिड-ड मिछ (मि)---मिथ्यात्म मोहनीय अथवा मध्याहृष्टि गुण स्थान मिन्छस-मिथ्यात्व मोहनीय मिछतिग--मिथ्यादृष्टि आदि सीन भूणस्थान मिच्छ-सम ---मिथ्याष्टि गुणस्थान के तुल्य मिछा--मिथ्यात्व मोहनीय भोस (मीसय, मौसे)---मिथ मोहनीय, मिश्र (सम्यमिथ्यात्व) गुणस्थान मीस-गर ----मिश्र और अविरत सम्यग्दृष्टि गुणस्थान सुमध-गोस मसपाह-मुख्यप्रकृति रम-आसक्त रद-प्रेम, अनुराग, रति नामकर्म रयणा (रयण)- रत्नप्रभा आदि नरक राई-रेखा, लकीर रिउमइ--ऋजूमति मनःपर्यायशान रिसह-अषम (पट्ट बेठन) अथवा ऋषभनाराम संहनन्द रिसहनाराय-- ऋषभनाराच संहनन हमख-सक्षस्पर्शनामकर्म संधिगा-पड़ीम सम-इलका लिहिल-लिखा हुआ लिहणबाटमा मोह- लोभ, ममता लोहिय-लोहित्यर्थ नामकर्म

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