Book Title: Karmagrantha Part 3
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 261
________________ शब कोश २३ पर--पट्टी पक्षिणीयसण-शत्रुता पशिषसि प्रतिपति श्रुत परिवार--प्रतिपाति अवधिज्ञान पणयासं—पैसालीस (४५) पवमा---पचपन (५५) यणसीह - पचासी (८५) पनिदि-पंचेन्द्रिय पसय-प्रत्येक नामकर्म ; अवान्तर भेदरहित प्रकृति पर य स.---.प्रत्येक तनु (जिसका स्वामी एक जीव है, जैसा सरीर) पप्प-..-प्राप्त करके पास-प्रमत्तविरत गुणस्थान पम्हा- पचलेश्या पथ पदयत पया-स्वभाव ; प्रकृतिबन्ध पति - कर्मप्रकृति খায়-~~মাথা নাম परिस-प्रत्येक नामक परिहारपरिहारविशुद्धि मारिष पाणि....जीव पाहुडामृत श्रुत पिडपर्या-पिण्ह प्रकृति (अवान्तर भेद वाली प्रकृति पुस-..पुरुषवेद कुंकुमाकण्टे की आग

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