Book Title: Karmagrantha Part 3
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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शब्द कोश
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आल्याइ-आनत आदि देवलोक आपथ-आतप नामकर्म मावरणा.....आवरणविक (हानावरण, वनावरण) आसपासव तत्व हाग हाय! ...अ पदीर नाम ; अहारक शरीर आहार-आहारकनिक नामकर्म आहार-दुग----आहारक तथा आहारक मिश्रयोग अध्यया आहारक शरीर,
आहारक अंगोपांग आहार-छग--आहारक-पटक, आहारक हादि छह प्रकतिर्श इगत-इकतालीस (४१) इगनवा --- एकनवति----इफानने (8} इगस एक सौ एक (१०१) इगसी-इक्यासी (८१) इगहिम सय–(एकाधिकशत) एक सौ एक (१०१) इंगिधि (एगिन्दि)क-एकेन्द्रिय जाति गिदि-तिग–एके दिय-निक...एकेन्द्रिय कादि सीन प्रति इन्धिय पक-स्पर्शन, रसन, घाण और श्रीन यह चार इन्द्रियाँ हस्थी-स्त्री, स्त्रीवेद नामकर्म जय-उच्चगोत्र उज्लोभ-जयोत नामकर्म उम्मोअ-ब-जोस आदि चार प्रकृतियों उज्जोया उद्योत नामकर्म वण्ह--उष्ण स्पर्म मामफर्म समा--शास्त्रविषय-वच्छन्द
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