Book Title: Karmagrantha Part 3
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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उपर पेट
www
छाती, बक्षस्थल
उरल-औदारिक-स्थूल, औदारिक कामयोग
लग ओदारिकहि नामकर्म
उरालंग
दारिक शरीर
उबंग – उपांग; अंगुली आदि शरीर के बंग
उपधाय - उपघात नामकर्म, नाश
उक्सम — औपशमिक सम्यक्त्व । उपशान्तमोह वीतराग उद्यस्य गुणस्थान
उत्सास- उच्छ्वास नामक
उपिकास उष्ण स्पर्श नामकर्म
www
ऊ जंघा
ऊससणलद्धि--- श्वासोच्छ्वास की शक्ति
ऊसासनाम-वास नामकर्म
एगयर — किसी एक का
ओरालऔदारिक शरीर नामकर्म औदारिक शरीर
ओह ओघ - सामान्य
ओहि अवधिदर्शन अवधिज्ञान
FM
ओहि अवधि-विक
Fwww.
तृतीय कर्मप्रग्य: परिशिष्ट
FTY
आहे. सामान्य रूप से
कड कटुका रस नामकर्म
कम्पग - कल्प- द्विक - १-२ देवलोक
कम्म- (कम्मण ) कार्मण काययोग करण ---- इद्रिय
कलाय - कषाय मोहनीय कर्म, कषायरस नामकर्म
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