Book Title: Karmagrantha Part 3
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 250
________________ 296k amwOOMOOVomwwwwwwen कर्मग्रन्थ ----माग एक से तीन तक का संक्षिप्त शब्द-कोष अंग...शरीर, शरीर का अवयव । अंगपनि अंगप्रविष्ट आचारांग आदि १२ आगम अंगोवंग-अंग, उपांग, पारीर को रेखा, पर्व आदि असमुह (त)- अन्तर्मुहूर्त (एक समय कम ४८ मिनट) अंतराअ-अन्तराय, विघ्न, रुकावट अकामनिज्मर-अकामनिर्जर (बिना इच्छा के कष्ट सहन कर कर्म निर्जरा करने वाला) अगाविस-निरभिमान अगल-अगुरुसत्रु नामकर्म अगुल्लहसउअगुगलघु, अपघात, पराधात, उच्छ्वास मामकर्म अवधु-अचक्षुदर्शन अचासायणा --अवहेलना, उपेक्षा, आशातना अजय-अयत...अविरत सम्यगदृष्टि जीव अजयगुण-अयत गुणस्थान अनयाई-अविरत सम्यग्दृष्टि आदि अकस - अयशःफीति नामकर्म अजिय-अजीय

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