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मार्गणाओं में अन्ध-स्वामित्व प्रदर्शक यन्त्र
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सामान्य अवति, सीधर्म, शान देवलोक, पैकिय काययोग का बन्ध-स्वामित्व
सामान्य बन्धयोग्य १०४ प्रकृतियाँ मुनस्थान-...आदि के भार देवगति (२) से चतुरिन्द्रिय झाति (१७) सक १६ प्रकृतियों से विहीन
गुणक | बन्ध योग्य
अबन्ध
पुनः बन्ध
बन्ध-विशेष
१०३
तीर्थकरनाम
नपुंसक वेद, मिथ्यारक हुँइसंस्थान, सेवात सहनन फेस्ट्रिय, स्थाका. आत्तय
अनन्ता क्रोध (२५) से लियाषु (४९) तक
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७०१ मनुष्यायु
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ঘোষ, मनुष्यायु