________________ "मूर्तिमंडन", इतिहासज्ञ मुनिराज श्री ज्ञानसुन्दर विजयजी महाराज रचित "मूर्तिपूजा का प्राचीन इतिहास", पूज्य पन्यास प्रवर श्री भद्रंकर : विजयजी गणि महाराज रचित "प्रतिमा पूजन" प्रादि पुस्तकों का प्रचार प्रसार करना-करवाना अत्यन्त प्रावश्यक है। मुनिराज श्री भुवनसुन्दर विजयजी महाराज द्वारा लिखित इस मीमांसा पुस्तक द्वारा भविकजन मूर्तिपूजा विषयक सत्य मार्गदर्शन पावेंगे यही प्राशा है। इस पुस्तक के मुद्रण में दिव्य दर्शन ट्रस्ट एवं श्वेताम्बर जैन मूर्तिपूजक संघ [ मदनगंज ] का सराहनीय द्रव्य-योगदान रहा है, जिसका मैं अत्यंत आभारी हूं। पुस्तक में रही त्रुटियों की सब जिम्मेदारी मेरी है। . पाठकगण इसको सादर स्वीकार करेंगे और सत्य के नजदीक पायेंगे यह प्राशा करता हूं / पाठकों से निवेदन है कि इस पुस्तक पर जो भी मापकी राय हो वह निम्नलिखित पते पर भेजने की कृपा करें। पता :भायलापुरा अस्पताल के पीछे हिन्डौन सिटी [जि० सवाईमाधोपुर] ( राज० ) कपूरचन्द जैन दि० 11-10-1983 . प्रासोज सुदी पंचमी