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जैन श्रागम अंग बाह्य छेद सूत्र
"
दशांश्रुत प्राठवा प्रा. मा. अध्याय तीर्थंकर
कल्याणक, साधु समाचारी
व स्थविरावली
"1
17
11
37
17
"
21
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""
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"1
=
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6
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"
"
"
प्रा.
प्रा.मा.
"
प्रा.
7
प्रा. मा.
प्रा.
प्रा. मा.
13
प्रासं मा.
"
प्रा. सं.
73
प्रा. मा.
प्रा. सं.
31
प्रा. मा.
प्रा. सं.
प्रा, मा.
8
141
59
116 | 26x11 × 6x32
43
26 × 11 × 13 × 39
25 × 10 × 14 × 46
26 × 11 × 5 × 40
28 × 12 × 9 x 33
124 25 x 11 x 6 x 25
71
26 × 11 x 11 x 25
95 | 25 x 11 × 7x 34
25 x 11 x 6 x 38
27 x 12 x 12 x 60
26 x 11 x 15 x 50
210 28 x 13 x 10 x 46
26 x 11 x 10 x 31
25 x 12 x 17 x 48
72 24x11x7 x 36
95 | 24 x 10 × 11 × 58
135
25 x 11 x 6 x 32
145
26 x 11 x 8 x 40
लगभग पूर्ण ग्र. 1216
154 | 26 × 11 × 14 x 43 अपूर्ण (कुल 1 3 पन्न े
कम हैं) सं. ग्र. 1216 का
243
25 x 11 × 13 x 35
76
137
133
184
299
www.kobatirth.org
153
8A
लगभग पूर्ण
संपूर्ण
पूर्ण
संपूर्ण
"
1
17
33
"
"
"
9
23
11
For Private and Personal Use Only
#.1250
1758
1766
9 वाचनायें 18वीं
18af
प्र. 4814 18वीं
अपूर्ण ग्र. 1000 तक
18वीं
संपूर्ण 1216 ग्र. की | 18वीं
ग्र. 1216 18वीं
18वीं
1793 गुढा, नेयमूर्ति
1793
1807
"1
1689
17at
17वीं
17वीं
प्र. 1216 1719
1722
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10
कथासह
1747
1757
[ 33
11
4 पन्न कम हैं
3 चित्र मामूली
31 चित्र हैं
व्याख्यान भी है
व्याख्यान भी है
कठिनपदभजि विवृत्ति
नियम 2पन वम