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जैन आगम-अंग बाह्य-छेदसूत्र
[ 31
8
|
8A
।
10
11
छेदसूत्र साधु । प्रा. समाचारी
28 | 27x11 x 13 x 40 | संपूर्ण 20उद्दे ग्र.815
16वीं
प्रा.मा.
25x12x6x55
"
, ग्र.825
19
5x11x5x38
19वीं
25 x 12 x 8x37 | 25 x 13 x 8 x 35 20 | 30 x 12x 15 x 56 त्रुटक 164 | 33 x 12 x 17x76 | तृतीय खंड संपूर्ण 23/27 11x16x57 | संपूर्ण 10 उद्देशक
1933 विक्रमपुर
944 विक्रमपुर 19वों
प्रागम व्याख्या
साहित्य छेदसूत्र साध्वा- प्रा.सं. चार नियम
16वीं
| 17वीं
प्रा.
26x11x15x52
96| 35x14x7x36
..
न. 1216
16वीं टीकम दास ऋषि 1485. नागपुर हेमसागर
दशाश्रत ग्राठवां अध्याय तीर्थकर प्रा.मा. कल्याणक, साधु
समाचारी व स्थिरावली
38 चित्र हैं
821 28x11x8x38
1536
प्रा सं.
131 27x11x7x25
1548
201 26x11 x 13x41
5200
1628
12 चित्र हैं संभवत: रचना वर्ष प्रशस्ति है
विस्तृत
| 26x11x 13x50 134 26 x 11x5x40
प्रा.मा.
"
ग्र.5000
1645 1658 1664
प्रा.सं.
127 | 26 x 11 x 18 x 52 | , ग्र. 4814
प्रशस्ति है
विस्तृत
पा.सं मा. 138| 26x11x15x44
| 1687
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