Book Title: Jeetkalp Sabhashya
Author(s): Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati
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________________ पदानुक्रम : परि-१ 547 चउरो गहणे एवं चउवीसऽट्ठारसगा चउवीस पंडगस्सा चक्के थूभे पडिमा चतुगुरुगे तु चउत्थं चतुथघरा तु परेणं चतुभंगेसेतेसुं चतुभंगो पिहितेणं चतुलहुगे आयामं चतुलहुगे वीसाए चतुहिँ ठिता छहिँ अठिता चत्तं जेण दरिसणं चत्तारि विचित्ताई चरगादिमादिगेसू चरणे एसणदोसा चरिमं अंतं भण्णति चरिमं च एस भुंजति चरिमस्स जिणिंदस्सा चरिमे भंगे भयणा चलिया य जण्णजत्ता चस्सद्दग्गहणाओ चस्सद्दा अण्णाण वि चस्सद्देण थिराथिर चाउम्मासिंग खुड्डग चाउम्मासिग वरिसे .चाणक्क पुच्छ इट्टाल.... चातुम्मासुक्कोसे चारग-कोट्टग-कल्लाल चारित्त कप्प णियमा चारित्तविसुद्धीए चारियचोराभिमरा चिंतित उवायमेतं 1182 | चिंतेति किं करेमी 634 चित्तपुढविइ अणंतर 1623 | चित्ते सच्चित्तेणं 767 चिट्ठति संजम जहियं 1545 चिट्ठतु जहण्ण मज्झा 1223 | चियत्तकिच्चो सेहो य 1517 | चिरलित्तपुढविकायो 1555 चुण्णे जोगे चउलहु 1218, 1541, 1805 चुतधम्म णट्ठधम्मो 2224 चोदग! जदि एवं तू 1973 चोदगपुच्छा पच्चक्ख... 2295 चोदेति को विसेसो 343 | चोद्दसपुव्वधराणं 239 छइएसुं गेहेसुं 604 छउमं कम्मं भण्णति 2540 छउमत्थो सुतणाणी छक्कायवग्गहत्था 2288 छद्रं च चउत्थं वा 1561 छ? चउत्थाऽऽयामं 792 छट्ठऽट्ठमादिएहिं 977 | छट्ठोववासपारण... 2521 छड्डित चउलहुगा तू 2199 छड्डित भणितं एतं 1753 | छण्ण णिसीहं भण्णति 1786 छण्णा पुणाइ दुविधा 1455 छण्हं जीवनिकायाणं 2097 छत्तीसगुणसमण्णा..... 426 छत्तीसाए तु ठाणेहिं 248 छत्तीसेताणि ठाणाणि 716 छम्मास परे बारस.... 2012 छल्लहुगा उ नियत्ते 1401 छल्लहुगाढत्तम्मी 845 1527 1523 1108 342 2034 1260 1449 230 747 117 1584 256 2403 735 1484 1572 1843 1860 2206 443 835 1601 1604 1250 1328 2043,2044 411 207-10 241 2579 893 2223

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