Book Title: Jeetkalp Sabhashya
Author(s): Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 886
________________ 692 जीतकल्प सभाष्य हत्थप्प (हत्थप्प?) धातु ... 1008 1008 1316 531,1455 अय (अयस्) कणग (कनक) रयय (रजत) सुवण्णग (स्वर्ण) धान्य कोद्दव (कोद्रव) चण (चणक) चाउल (चावल) णिप्फाव (निष्पाव) बीही (ब्रीहि) रालग (रालक) वल्ल (वल्ल) सालि (शालि) 1394 | भाषा | पागत (प्राकृत) 1392 | सक्कय (संस्कृत) 1316 मंत्री 1316 चाणक्क (चाणक्य) 2600 माप | अंगुल (अङ्गुल) 1148, 1770 गाउय (गव्यूत) 1820 जोयण (योजन) 1297 धणु (धनुष्) 1595, 1958 | हत्थ (हस्त) 1770 - मुद्रा 1148, 1770 | | करिसावण (कार्षापण) 1820 | कागिणी (काकिनी) 1149,1612, 1770 | राजा | उदायि (उद्रायण) 1461 कूणिय (कूणिक) कोणिग (कूणिक) | चंदगुत्त (चन्द्रगुप्त) 1378 चेडग (चेटक) 468,555 डंडगि (दंडकी) 534 | भरत (भरत) भरह (भरत) 528, 2499 मुरुंड (मुरुण्ड) सेणिय (श्रेणिक) 1751 | रानी 787 | पउमा (पद्मावती) नदी 2498 480 481 1454 479 कण्हा (कृष्णा) वेण्णा (वेन्या) पर्वत केलास (कैलाश) मेरु (मेरु) मोगल्ल (मौद्गल्य) पुरोहित पालक्क (पालक) प्रतिमा एगराइगा (एकरात्रिकी) सव्वराइ (सर्वरात्रिकी) 528 1175 1408, 1409 1444, 1445 312 2364

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