Book Title: Jeetkalp Sabhashya
Author(s): Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 824
________________ 630 जीतकल्प सभाष्य 2021 जड्डत्तणेण हंदी बृ६४०४ | 538 जह सा बत्तीसघडा 666 जतणाजुतो पयत्तव व्य 4514 व्यापकी 2055 जति दोसे होअगतं बृ६४२८ | 409 जह सुकुसलो वि वेज्जो तु. ओनि 795, 1145 जत्थ तु ततिओ भंगो पिनि 73/22 नि 3860, व्य 4296 1564 जत्थ तु थोवे थोवं पिनि 263/3 | 535 जह से वंसिपदेसी नि 3971, 2513 जत्थुप्पज्जति दोसो बृ५०११ ___ प्रकी 1229, व्य 4424 291 जदि अस्थि ण दीसंती व्य 4194 | 533 जह सो चिलातपुत्तो तु.नि 3969, 140 जदि आगमो य आलोयणा व्य 4062 व्य 4422 182 जदि छुब्भती विणस्सति व्य 4101 | 1264 जहेव कुंभादिसु पुव्वलित्ते तु.पिनि 163/6 465 जदि ताव सावयाकुल नि 3912, | 1116 जाणंतमजाणतो पिभा 22 तु. प्रकी 1020, व्य 4349 / 2565 जाणंता माहप्पं बृ५०४४, व्य 1217 1488 जदि संका दोसकरी पिनि 240/4 | 410 जाणंतेण वि एवं ओनि 796, 658 जम्हा संपहारेउ व्य.४५०६ नि 3861, व्य 4297 114 जह केवली वियाणति व्य 4039 | 193 जाणति पयोगभिसो . व्य 4112 40 जह कोई तु मणुस्सो तु. नंदी 12 / 87 जाणति पिहुज्जणो वि हु बृ३६ 1132 जह खीरं खीरं चिय पिनि 70/2 | 2005 जा णिति ऽइंति ता अच्छतो - नि 2504, 1445 जह जह पदेसिणिं जाणुगम्मि नि 4460, बृ६३८८ पिनि 228/1 | 1350 जाती कुल गण कम्मे . पिनि 206, 540 जह णाम असी कोसी नि 3946, नि 4411 ___ प्रकी 1281, व्य 4399 593 जा पुण णिक्कारणओ नि 467 951 जह तिक्खउदगवेगे नि 576, 6305, | 259 जा य ऊणाहिए वुत्ता - व्य 4168 बृ 4929, व्य 223 | 2570 जारिसगा सक्कादीण बृ५०४९, 537 जह ते गोट्ठट्ठाणे नि 3973, व्य 4426 | व्य 1222 1192 जह ते दंसणकंखी पिनि 91/4 | 52 जावइया तिसमयाहार... आवनि 28, 1234 जह पुत्तविवाहदिणो पिनि 134 नंदी 18/1, विभा 588 229 जह भायरं व पितरं व्य 4146 | 1199 जा तगमुद्देसो नि 2020, पिनि 98 272 जह रूवादिविसेसा व्य 4178 | 2443 जा संघाडो ताव तु नि 2882, 536 जहऽवंतीसुकुमालो नि 3972, बृ५५९९, व्य 551 व्य 4425 | 552 जाहे पराइया सा नि 3962, 483 जह वाऽऽउंटियपादे व्य 4367 | व्य 4415

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