Book Title: Jeetkalp Sabhashya
Author(s): Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 746
________________ 552 जीतकल्प सभाष्य . 1367 902 921 1767 441 1554 1502 1135 2158 .1310 . . 1110 164 1099 णिस्संकित णिक्कंखित णिस्सितों कोहादीहिं णिस्सेसमपरिसेसं णीएहिं तु अविदिण्णं णीसंकगाहि ततिओ णीसंकितो तु चरिमे णेगविधा इड्डीओ णेतूण अण्णखेत्तं णेव्वाणस्स अणंतर तओ पारंचिया वुत्ता तं खलु ण गेण्हितव्वं तं च लोगमलोगं च तं चेव अगणिठाणं तं चेवऽणुकज्जंतो तं ठित होति तह च्चिय तं णो वच्चति तित्थं तं तारिसगं रतणं तं दसविहमालोयण तं दुविधं णातव्वं तं दुविधं धातित्तं तं पडिसेवति जो तू तं पि य सुक्खे सुक्खं तं पुण अणुगंतव्वं तं पुण ओहीणाणं तं पुण केण कतं तू तं पुण णिज्जंतो वा तं पुण सण्णादिगतो तं पुण होज्जाऽऽसेवित तं पूयइत्ताण सुहासणत्थं तं भुंजमहेकम्म तं मणपज्जवणाणं तं होति दुहाऽभिहडं 1037 तच्चण्णियादि दटुं 177 | तण-डगल-छार-मल्लग 225 तणुगो णेहो भणितो 2363 तण्णगबंधणमुयणे 1481 तण्हाछेदम्मि कते 1478 ततिए भंगे मग्गण 1041 | ततिए मत्तो मक्खित 2408 ततिओ भंगो तू आत.... 715 dिo-चउत्था कप्पा 2028 ततियम्मि करं छो, तत्तो परिहायंता | तत्तो य वुड्डसीले तत्थ इमे णामा खलु 680 तत्थ जहण्णादी तू 520 तत्थ मुसं चउभेदं 319 तत्थ वि अण्णतरीए 474 तत्थ वि भद्दग-पंता ___4 तत्थाहरणं इणमो 517 तत्थेक्कं छम्मासं 1323 तत्थोदाहरणमिणं 2520 तत्थोहिणाण पढमं 1586 तदुभयदारसमत्तं 328 तद्दोसोवरतस्स उ 37 तपु लज्जाए धातू 124 तम्हा अवस्सगहणं 2334 तम्हा उ परकडम्मि वि 2335 / तम्हा एगविधं खलु 588 तम्हा ण एस दोसो 2569 तम्हा ण वागरेज्जा 1112 तम्हा पंच व छ स्सत्त 74,86 तम्हा परिच्छणा खलु 1249 / तम्हा विसयाणं खलु 1076 2131 1436 1460 347 1414 954 728 173 749 1127 107 1172 1348 366,374 393

Loading...

Page Navigation
1 ... 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895 896 897 898 899 900