________________
जैनविद्या - 22-23
10
की रचना की है वह कुशाग्र बुद्धिवालों के लिए भी अत्यन्त दुर्बोध है । अत: इसकी भी टीका रचने की कृपा करें, तब आशाधर ने इसकी रचना की थी 1
उपर्युक्त ग्रन्थों के अलावा आशाधर ने अन्य किसी ग्रन्थ की रचना नहीं की। यदि उन्होंने अन्य ग्रन्थों की रचना की होती तो उनका वि.सं. 1300 में रचित अनगार में अवश्य उल्लेख होता। पं. नाथूराम प्रेमी, पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री, पं. जुगलकिशोर मुख्तार प्रभृति विद्वानों ने भी आशाधर के उपर्युक्त ग्रन्थों के अलावा अन्य ग्रन्थों का उल्लेख नहीं किया है । किन्तु डॉ. मानमल जैन सेठिया ने 2 उपर्युक्त ग्रन्थों के अलावा निम्नांकित ग्रन्थों का उल्लेख करते हुए उन्हें अप्रकाशित बतलाया है अभिनन्दन नाथ मन्दिर, बूँदी में इसकी हस्तलिखित प्रति
-
1. सिद्ध पूजा उपलब्ध है ।
-
2. कल्याण मन्दिर स्तोत्र टीका - जयपुर में हस्तलिखित पाण्डुलिपि रूप में है । 3. सरस्वती स्तुति - संभवनाथ मन्दिर, जयपुर में हस्तलिखित प्रति रखी है। 4. पूजा विधान हस्तलिखित उपलब्ध है । अप्रकाशित है।
-
5. जिनेन्द्र कल्याणाभ्युदय सरस्वती भवन, उज्जैन में हस्तलिखित मौजूद है ।
6. गंधकुटी पूजा - सरस्वती भवन, उज्जैन में हस्तलिखित मौजूद है।
7. विमान शुद्धि विधान - भट्टारकीय भण्डार, सोनागिरी में हस्तलिखित है । 8. कर्मदहन व्रत विधान- दि. जैन मन्दिर बन्दहाडपुर हस्तलिखित विद्यमान है।
9. स्वप्नावली - मूडवद्री में हस्तलिखित प्रति है ।
10. सुप्रभात स्तोत्र - मूडवद्री में हस्तलिखित प्रति है ।
11. चतुर्विंशति जिनपूजा - मूडवद्री में हस्तलिखित प्रति है ।
12. सिद्धिप्रिय स्तोत्र टीका - दीवानजी का मन्दिर, कामा में हस्तलिखित प्रति मौजूद है।
13. रत्नत्रयव्रत कथा - पाटोदी मन्दिर, जयपुर में हस्तलिखित प्रति है ।
14. जिन महाभिषेक - बोरसली मन्दिर, कोटा में हस्तलिखित प्रति है ।
15. महावीर पुराण- जयपुर में हस्तलिखित प्रति है ।
16. शान्ति पुराण - लश्कर दिगम्बर जैन मन्दिर, जयपुर में हस्तलिखित प्रति है ।
17. देवशास्त्र पूजा - आमेर में हस्तलिखित प्रति है ।
18. सोलहकारण पूजा - चन्द्रनाथ मन्दिर देवलगाँव में हस्तलिखित प्रति है ।