Book Title: Jain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Author(s): Gulabchand Dhadda
Publisher: Jain Shwetambar Conference

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Page 17
________________ कार्यवाही जैन यन मैग्स एसोसिएशन आफ इंडिया. जैसलमेर भंडार जो जो रंग जैसलमेर के पुस्तक भंडार की टीप करने में पेश आये हैं उनसे वांचकवृंद नावाकिफ नही है उनको यहांपर फिर रंगना बेमोका है - टीप हो जानेके बाद कई शर्ते जीर्णोद्धारमै फंसाई गई उनकोभी कबूल करनेपर भंडार नही खोलागया पंडित बदस्तूर मोजूद रहा और खत किताबत बराबर चलती रही - आखिरकार शेठ चांदमलजी रतलामवालों की पूरी सहायतासे भंडार खोला गया है पुस्तकों के लिखनेवालोंको नागोरसे जैसलमेर भेजा गयैहे उद्धारका काम जारी हो गया है - इसखुशीमें शेठ चांदमलजीने किला के मन्दिरमें सतरह भेदी पूजन खूब ठाठ माठसे कराई जिसमें जैसलमेर दरबार और रियासतके दीवान और ओहदेदार सबं पधारेथे सम्पूर्ण पूजा सुनते रहें, दरबारने आते आते दोनूं दफे श्रीजिन प्रतिमा के दर किये और अपनि खुशी प्रगट की - अब आशा है कि शहरके पुस्तक भंडारों की टीपका कामभी शीघ्र जारी हो जावे. १९०६] श्री. कार्यवाही जैन यङ्ग मैन्स एसोसिएशन आफ इंडिया दिगम्बर जैन महासभा के सालाना जलसा की जो सहारनपुर में ता. २५ से २९ दिसम्बर १९०५ तक हुए. ता. २५ दिसम्बर को सहारनपुर के स्टेशनपर ठीक ७॥ बजे प्रातःकाल गोडी आई. ष्टेशनके प्लेटफार्मपर अनुमान ४० प्रतिष्ठित पुरुष स्वागतके अर्थ सभापति मानकच न्दजी हिराचन्दजी उपस्थित थे जिनमें से मुख्यपर बाबु जुगमन्दिरदास रईस नजीबाबाद का स्वागत का वृत्तांत बाबु जुगमन्दिरलाल एम. ए. एडीटर जैन गज्ट इंग्रेजी, बाबु चेतनदास बी. ए. मंत्री जै. य. मै. एसो., लालाखूबचन्द सहारनपुर निवासी निमन्त्रणदाता महासभा, बांबु चन्दूलाल वकील सेक्रेटरी रिसेप्शन कमेटी, बाबु बदरीदास रईस सहारनपुर सेक्रेटरी रिसेप्शन कमेटी, बाबू सुलतानसिंह वकील मेरठ, बाबू शीतलप्रसाद लखनऊ निवासी एडीटर हिन्दी जैन गजट, बाबू बनारसीदास एम. ए. एल. एल. बी. जनरल सेक्रेटरी महासभा, बाबू चन्द्रसेन इटावानिवासी मेम्बर जैन कालिज डेपुटेशन पार्टी, बाबू अजितप्रसाद एम. ए. एल. एल. बी. लखनऊ, बाबू अर्जुनलाल सेटी बी. ए. मनेजर जैन महाविद्यालय, बाबू मालीलाल कासलीवाल, बी. ए. मन्त्री जैनविश्वदत्त मित्रमंडल जयपुर, मिष्टर जैन वैद्य जयपुर, बाबू ईश्वरीदास हिसार निवासी, बाबू नियामतसिंह हिसार, इनके अतिरिक्त ४ वा ५ रईस सहारनपुर और भी थे, महाविद्यालय के ५ विद्यार्थी भी थे. गाडी ર

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