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झूठे निवाले पर लुभाना, इन्सान को लाज़िम नहीं । सुजाक गर्मी से सडे, परनार के परसंग से ॥ ३ ॥चौरसो सत्ताणुवां कानून मे, लिखा दफा । सज़ा हाकिम से मिले, परनार के परसंग से ॥ ४॥ जैन" सूत्रों में मना, मनुस्मृति देखलो, कुरान बाइबल में लिखा, परनार के परसंग से ।। ५ ।। रावण कीचक मारे गए, द्रौपदी सिया के वास्ते । मणीरथ भर नके गया, परनार के परसंग से ।। ६ || जहर बुझी तलवार से, अबन मुल्जिम बदकारने । हजरत अली पर वहार की, परनार के परसंग से ।। ७। कुत्ते को कुत्ता काटता, कत्ल नर नर को करे । पल में मोहब्बत टूटती, परनार के परसंग से ॥ ८॥ किसलिये पैदा हुवा, अय बेहया कुछ सोच तूं। कहे चौथमल अब सब कर, परनार के पर संग से ॥६॥
तज पूर्ववत् । गज़ल (बद सोबत निषेध पर)।' अगर चाहे आराम तो, जाहिल की सोबत छोडदे ! मान ले नसीहत मेरी, जाहिल की सोक्त छोडदे ॥ टेर ।। अगर अक्लमन्द है, होशियार जो है तूं दिला। भूल के अखत्यार मत कर, जाहिल की सोबत छोडदे ॥ १॥ जाहिल से मिलता मत रहे, मानिंद शक्कर सार के। भाग' मुआफिक तीर के जाहिल की सोवत छोडदे ॥२॥ दुश्मन भी अक्लमंद बेहतर, होवे जाहिल दोस्त के । परहेज़गारी है भली, जाहिल '