Book Title: Chahdhala 1
Author(s): Daulatram Kasliwal
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

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Page 19
________________ छहढाला सम्यग्दर्शन के बिना दु:ख उठाया और वहाँ से भी मर कर स्थानों के शरीर को धारण किया । इस तरह यह जीव पाँच परिवर्तनों को पूरा करता है । प्रश्न १-विमानवासी किसे कहते हैं ? उत्तर–विमानों में रहने वाले देव विमानवासी कहलाते हैं ? प्रश्न २---इनके कितने भेद हैं ? । उत्तर-(१) कल्पोपपन्न, (२) कल्पातीत । प्रश्न ३–वैमानिक देव में यह जीव क्यों दु:खी रहा ? उत्तर—'सम्यग्दर्शन बिन दु:ख पाय' सम्यग्दर्शन के बिना दुःखी रहा । प्रश्न ४.--सम्यग्दर्शन किसे कहते हैं ? उत्तर—सच्चे देव, शास्त्र और गुरु का पच्चीस दोष रहित श्रद्धान करना सम्यग्दर्शन कहलाता है । Right faith = सत्य विश्वास ( सम्यग्दर्शन )। प्रश्न ५---शरीर के भेद बताइए । उत्तर---(१) औदारिक, (२) वैनिायक, (३) आहारक, (४) तैजस, (५) कार्माण ।। प्रश्न ६-संसारी के भेद कितने हैं ? उत्तर-(१) त्रस, (२) स्थावर । प्रश्न ७..-परिवर्तन कितने प्रकार होता है ? उत्तर-(१) द्रव्य, (२) क्षेत्र, (३) काल, (४) भन, (५) भाव परावर्तन कहलाते हैं ।

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