Book Title: Chahdhala 1
Author(s): Daulatram Kasliwal
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

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Page 35
________________ छहढाला प्रश्न १- परद्रव्य कितने हैं व कौन से हैं ? उत्तर – जीव द्रव्य को छोड़कर शेष पाँच पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल — ये पाँच द्रव्य परद्रव्य हैं । ३३ प्रश्न २ – हमारा स्वद्रव्य कौन-सा है ? उत्तर- हमारा जीव स्वद्रव्य हैं । प्रश्न ३ – तीन रत्न कौन से हैं ? उत्तर -- (१) सम्यग्दर्शन, (२) सम्यग्ज्ञान और ( ३ ) सम्यग्चारित्र ये तीन रत्न हैं । प्रश्न ४ – निश्चय सम्यग्दर्शन का स्वरूप क्या है ? उत्तर--"परद्रव्यनतें भिन्न आपमें रुचि सम्यक्त्व भला है ।" प्रश्न ५ – निश्चय सम्यग्ज्ञान का स्वरूप बताइए । उत्तर---" आप रूप को जाननेोपधान कहा है।" प्रश्न ६ – निश्चय सम्यग्चारित्र का स्वरूप बताइए । उत्तर -- “ आप रूप में लीन रहे सम्यग्चारित्र सोई । " प्रश्न ७ – निश्चय मोक्ष मार्ग का निमित्त कौन है ? उत्तर — व्यवहार मोक्ष मार्ग निश्चय मोक्ष मार्ग का निमित्त कारण है। - व्यवहार सम्यग्दर्शन जीव अजीव तत्त्व अरु आस्रव, बन्धरु संवर जानो । निर्जर मोक्ष कहे जिन तिनको, ज्यों का त्यों सरधानो ।। है सोई समकित व्यवहारी, अब इन रूप बखानो 1 तिनको सुन सामान्य विशेष, दिड़ प्रतीत उर आनो ।। ३ ।। शब्दार्थ - ज्यों का त्यों = जैसा का तैसा । तिनको = उनको । सरधानो = श्रद्धान करना | व्यवहारी = व्यवहार । समकित = सम्यग्दर्शन | इन = तत्त्वों का । रूप = स्वरूप | बखानो साधारण रूप से । विशेष = विशेष रूप से प्रतीत विश्वास | आनो = करना चाहिए वर्णन करते हैं। सामान्य = मन । दिढ़ = अटल । = उर ।

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