Book Title: Chahdhala 1
Author(s): Daulatram Kasliwal
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

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Page 93
________________ छहढ़ाला प्रश्न १-दो गन्ध बताइए ? उत्तर-(१) सुगन्ध और (२) दुर्गन्ध । प्रश्न १०-आठ भेद स्पर्श के बताइए ? उत्तर-(१) हल्का, (२) भारी, १३) रूखा, (6) चिकना, (५) शीत, (६) उष्ण, (७) कड़ा और (८) नरम । प्रश्न ११–शब्द के सात भेद बताइये ? उत्तर-(१) सा, (२) रे, (३) ग, (४) म, (५) प, (६) ध, (७) नी या (१) षड्ज, (२) ऋषभ, (३) गांधार, (४) मध्यम, (५) पंचम, (६) धैवत और (७) निषाद | प्रश्न १२-पंचेन्द्रिय के कुल विषय कितने हैं ? उत्तर-पंचेन्द्रियों के कुल २७ विषय हैं-स्पर्श के ८, रसना के ५, नासिका के २, चक्षु के ५ और कर्ण के ७ कुल ८ + ५ + २ + ५ + ७ = २७ । मुनिराज इन इन्द्रिय विषय से विरक्त रहते हैं । छह आवश्यक समता सम्हारै थुति उचार, बन्दना जिनदेव को । नित करै श्रुति रति करै प्रतिक्रम, तजै तन अहमेव को ।। शब्दार्थ—समता = मैत्री । सम्हारै = करना । थुति = स्तुति । उचारै = कहना । वन्दना = नमस्कार | श्रुति रति = शास्त्रों में प्रेम । प्रतिक्रम = लगे हुए दोषों का पश्चात्ताप करना । तजै = छोड़ना । अहमेव = अहङ्कार या ममत्व बुद्धि । अर्थ-वीतरागी मुनि सदा (१) सामायिक करते हैं, (२) स्तुति बोलते हैं, जिनेन्द्रदेव को नमस्कार करते हैं, (४) स्वाध्याय से प्रेम करते हैं, (५) प्रतिक्रमण करते हैं और (६) शरीर से ममता को छोड़ते हैं । प्रश्न १-आवश्यक किसे कहते हैं ? वे कितने हैं ? उत्तर–अवश्य करने योग्य क्रिया को आवश्यक कहते हैं ? मुनियों के ये आवश्यक ६ हैं...समता ( सामायिक ), स्तुति, वन्दना, प्रतिक्रमण, स्वाध्याय और कायोत्सर्ग । प्रश्न २–सामायिक किसे कहते हैं ? उत्तर--संसार के सभी प्राणियों में मैत्रीभाव, संयम में शुभभावना, आर्त्त-रौंद्र ध्यान का पूर्ण त्याग को सामायिक कहते हैं ।

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