Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 01
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
४६४
पटोल, बास अंकुर
करेला और कदूका
सूरणका
आलूका
पिण्डालूका
कसेरुका
क्षारका
ग्रोतका
भैंस तक का
भैसकी दहीका
रसाळा (शिखरन) का
मिश्रीका
गुड़का
का
भारत - भैषज्य रत्नाकरः
पलाशके क्षार जलसे
गुड़ से
तण्डुलोदक
कोदोंसे
सठसे
तकसे
मन्दोष्ण मांडसे सेंधानमक से
www.kobatirth.org
(९००१) अपामार्गपुनर्नवायोगौ
( रा. मा. । स्त्रीरोगा. ३ )
अपामार्गाद्वयं मोनिमध्ये
निविष्टं क्षणाधोनिशूलं निहन्ति । वीरमप्येवमेव प्रयुक्तो विदध्यासस्तत्र पौनर्नवोऽपि ॥
शंख भस्मसे
सोंठ मिर्च पीपल के चूर्ण से
सोंठसे
उष्णमेव समादाय तं वारानेकविंशतिम् । सोंठ और नागरमोथे से | गालयित्वा प्रयत्नेन कटाहे कृष्णलोहजे ||
अद्रक से
योनि में अपामार्ग २ पत्ते रखने से या पुनfat का रस योनि में भरने से कष्ट साध्य योनि शूल भो तुरन्त नष्ट हो जाता है ।
(९००२) अपामार्गमूलबन्धनम्
(ग. नि. । ज्वरा. )
अपामार्गस्य मूलं तु प्रातरक्षालिताननः । विषमज्वरनाशाय बध्नीयाद्वामपाणिना ||
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
[ अकारादि
अपामार्ग ( चिरचिटे ) की जड़को प्रातः काल
मुंह हाथ धोकर बाएं हाथ में बांधनेसे विषम ज्वर नष्ट हो जाता है ।
(९००३) अपामार्गादिक्षारः
( ग. नि. । भगन्दरा. ७ ) अपामार्गात्पलाशाच कलाकन्दकात्तथा । युगपद्रोणमादाय सुविशुद्धस्य भस्मनः ॥ अग्नावत्यन्ततप्तेषु षड्द्रोणेष्वभ्मसां पचेत् । क्वाथः सपिच्छिलो रक्तः स्वच्छो यावद्विभाव्यते ॥
कुडवद्वयमावाप्य स्वर्जिकायाः पुनः पचेत् । निक्षिप्य वह्नौ दग्यायाः शङ्खनाभे पलाष्टकम् || श्लक्ष्णपिष्टं तु विपचेद्यावत्स्याद्बुद्बुदागमः । नातिसान्द्रं न चात्यच्छ्मवतार्य च तं पुनः ॥ उष्णमेव निदध्याच्च लौह एव हि भाजने । भगन्दरेषु चाशःसु नाडीदुष्टव्रणेषु च ॥ यथाविधि प्रयोक्तव्यो भिषजा सिद्धिमिच्छता ।।
अपामार्ग (चिरचिटा), पलाश (ढाक) और केले की जड़ ; इनकी समान भाग मिलित १६ सेर भस्मको अत्यन्त उष्ण ९९२ सेर पानीमें डालकर पकावें । जब क्वाथमें पिच्छिलता (चिकनाहट आ जाए और उसका रंग स्वच्छ लाल हो जाए तो उसे गरम को ही २१ बार छान लें और फिर उसमें ४० तोले सज्जीका चूर्ण तथा ४० तोले शंख भस्म मिलाकर पुनः कृष्णलोह के पात्र में पका । जब उसमें बुलबुले उठने लगें
For Private And Personal Use Only