Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 01
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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परिशिष्ट (चि. प.प्र.)
६७३
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चूर्ण-प्रकरणम्
। ८९३१ अग्निमुखरस शूल ९२४४ करणादिचू० वातजशूल
८९.८४ अयश्चूर्णादियो० समस्त शूल ९२७३ कुबेराक्षयोगः समस्त शूल (सरल योग) ९४७७ कलायचूर्णादि
गुटिका दारुण परिणाम शूल घृत-प्रकरणम्
। ९५२९ कृष्णादिचूर्णम् भयंकर पारणाम शूलको ९१५५ एरण्डाचं घृ० हर स्थानका और हर
तुरन्त नष्ट करता है। दोष से उत्पन्न भयङ्कर शू० रस-प्रकरणम्
मिश्र-प्रकरणम् ८९३० मग्निमुखर० शूल
| ९५६३ कुशादिक्षीरयोगः शूल, रक्तपित्त
. (५३) शोथाधिकारः पूर्व-प्रकरणम्
तैल-प्रकरणम् ८८०८ मजाग्यादियोगः प्रवृद्ध पुराना त्रिदो- | ९०४५ आरग्वधादितै० कफज शोथ पज शूल
लेप-प्रकरणम्
९१६६ एरण्डादिले० वातज शोथ गटिका-प्रकरणम् ८८३१ अजमोदायो
मिश्र-प्रकरणम् मोदकः शोथ, आमवात ९००५ अरणीक्षारयो० ३ दिनमें उदरशोथको ९०३२ भाजकरीष योगः शोथ, प्रवृद्ध दकोदर
नष्ट करता है। J ९५५२ कार्पासभस्मयो० समस्त शोथ
लेप-प्रकरणम्
(५४) श्लीपदाधिकारः चूर्ण-प्रकरणम् ९२५६ काफदम्यादिक्षारः श्लीपद, ग्रहणी, गल-८८८६ अर्कादिलेपः बदमूलश्लीपद गण्ड, अरुचि
रस--प्रकरणम | ९४९० कामदेवो रसः त्रिदोषज श्लीपद
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