Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 01
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 695
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परिशिष्ट (चि. प.प्र.) ६७३ eman चूर्ण-प्रकरणम् । ८९३१ अग्निमुखरस शूल ९२४४ करणादिचू० वातजशूल ८९.८४ अयश्चूर्णादियो० समस्त शूल ९२७३ कुबेराक्षयोगः समस्त शूल (सरल योग) ९४७७ कलायचूर्णादि गुटिका दारुण परिणाम शूल घृत-प्रकरणम् । ९५२९ कृष्णादिचूर्णम् भयंकर पारणाम शूलको ९१५५ एरण्डाचं घृ० हर स्थानका और हर तुरन्त नष्ट करता है। दोष से उत्पन्न भयङ्कर शू० रस-प्रकरणम् मिश्र-प्रकरणम् ८९३० मग्निमुखर० शूल | ९५६३ कुशादिक्षीरयोगः शूल, रक्तपित्त . (५३) शोथाधिकारः पूर्व-प्रकरणम् तैल-प्रकरणम् ८८०८ मजाग्यादियोगः प्रवृद्ध पुराना त्रिदो- | ९०४५ आरग्वधादितै० कफज शोथ पज शूल लेप-प्रकरणम् ९१६६ एरण्डादिले० वातज शोथ गटिका-प्रकरणम् ८८३१ अजमोदायो मिश्र-प्रकरणम् मोदकः शोथ, आमवात ९००५ अरणीक्षारयो० ३ दिनमें उदरशोथको ९०३२ भाजकरीष योगः शोथ, प्रवृद्ध दकोदर नष्ट करता है। J ९५५२ कार्पासभस्मयो० समस्त शोथ लेप-प्रकरणम् (५४) श्लीपदाधिकारः चूर्ण-प्रकरणम् ९२५६ काफदम्यादिक्षारः श्लीपद, ग्रहणी, गल-८८८६ अर्कादिलेपः बदमूलश्लीपद गण्ड, अरुचि रस--प्रकरणम | ९४९० कामदेवो रसः त्रिदोषज श्लीपद ११३ For Private And Personal Use Only

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