Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 01
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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भारत-भैषज्य-रत्नाकर
[अरोचक
(५) अरोचकाधिकारः चूर्ण-प्रकरणम्
९५३८ कपित्थादिषाडवः हर प्रकारकी अरुचि ९२९३ कृष्णादि चू० वातज अरुचि
९५४० करा योगः अरुचि मिश्र-प्रकरणम्
९५४४ कलहंसकांजी अत्यन्त रोचक ८९९९ अजाज्यादिमुख
९५९४ खण्डाईक यो० अरुचि, प्रवृद्धपित्त, धावनम् वातज अरुचि
अम्लपित्त, वातविकार, ९०६६ आर्दक विधिः अदरकको सुस्वादु
अग्निमांध बनानेकी विधि
(६) अर्बुदग्रन्थ्यधिकारः लेप-प्रकरणम् ९१२० उपोदिकालेपः मर्मज अर्बुद
तैल प्रकरणम्
(७) अर्शोधिकारः चूर्ण-प्रकरणम् ८८१६ अर्कपत्रादिलवणम् वाताशको शीघ्र नष्ट | ९१५९ एरण्ड तैलयो० मल और दोषों को अनुकरता है।
लोम करता है। ९२४३ करंजमूल यो० अर्शको ३ दिनमें नष्ट | ९३६० कासीसादि तै० मस्सों को नष्ट करता है।
करता है । (स.यो.) ९३६२ कासीसाधं तै० मस्से ९२७७ कुशल यो० रक्तस्राव नाशक ,
छेप-प्रकरणम्
८८७३ अजापुरीषादि यो० चर्मकील ___ गुटिका-प्रकरणम्
८८८१ अर्कक्षार लेपः मस्सों को अवश्य नष्ट ९२९९ कलिङ्गाथा गु० अर्श
करता है। ९३०२ कांकायन गु० अर्श, अग्निमां, उदाव०८८८८ अर्शोहर लेपः ७ दिनमें मरसा को
समूल नष्ट कर देता है।
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