Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 01
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 677
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुल्म] परिशिष्ट (चि. प. प्र.) नस्य-प्रकरणम् ९०५२ आरग्वधादि न० गण्डमाला मिश्र-पकरणम् ९०९९ इन्द्रवारुण्यादि योगः गण्डमाला (सरल योग) (२०) गुल्माधिकारः चूर्ण-प्रकरणम् ९२४० कम्पिल्लकादि योगः सात दिनमें सोपद्रव ८८०४ अजमोदादि चू० वातज गुल्म, शूल, गुल्म और शूलको नष्ट उदररोग, करता है। ९०३० आरोग्य लवणम् वातगुल्म, वातोदर, घृत-प्रकरणम् शूलादि | ९३२३ कहाराचं घृ० रक्तगुल्म, दाह, तृषा, ९०३१ आरोग्य चूर्णम् , " " । ज्वर, योनि दोष, छर्दि (२१) ग्रहण्यधिकारः चूर्ण-प्रकरणम् घृत-प्रकरणम् ८८११ अभयादिचूर्णम् पक तथा साम कफ | ९०४० आरुष्कर घृ० सर्व दोषज ग्रहणी, आम, ग्रहणीको शीघ्र नष्ट कृमिविकार, विष्टम्भ करता है। रस-प्रकरणम् ९२३४ कटुकादि कल्कः पित्त ग्रहणी,दाह, रक्त- ८९२६ अग्निकुमार रसः ग्रहणीरोगमें सघ फल प्रद स्राव, गुद पीड़ा,विष्टम्भ ९४६९ कणाद्य लोहम् ग्रहणी, सोपदव प्रवा९२५४ काकजङ्घार्थ वातज ग्रहणी, आध्मान | हिका, अतिसार - - For Private And Personal Use Only

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