Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 01
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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गुल्म]
परिशिष्ट (चि. प. प्र.)
नस्य-प्रकरणम् ९०५२ आरग्वधादि न० गण्डमाला
मिश्र-पकरणम् ९०९९ इन्द्रवारुण्यादि
योगः गण्डमाला (सरल योग)
(२०) गुल्माधिकारः
चूर्ण-प्रकरणम्
९२४० कम्पिल्लकादि
योगः सात दिनमें सोपद्रव ८८०४ अजमोदादि चू० वातज गुल्म, शूल,
गुल्म और शूलको नष्ट उदररोग,
करता है। ९०३० आरोग्य लवणम् वातगुल्म, वातोदर,
घृत-प्रकरणम् शूलादि
| ९३२३ कहाराचं घृ० रक्तगुल्म, दाह, तृषा, ९०३१ आरोग्य चूर्णम् , " " ।
ज्वर, योनि दोष, छर्दि
(२१) ग्रहण्यधिकारः
चूर्ण-प्रकरणम्
घृत-प्रकरणम् ८८११ अभयादिचूर्णम् पक तथा साम कफ | ९०४० आरुष्कर घृ० सर्व दोषज ग्रहणी, आम, ग्रहणीको शीघ्र नष्ट
कृमिविकार, विष्टम्भ करता है।
रस-प्रकरणम् ९२३४ कटुकादि कल्कः पित्त ग्रहणी,दाह, रक्त- ८९२६ अग्निकुमार रसः ग्रहणीरोगमें सघ फल प्रद स्राव, गुद पीड़ा,विष्टम्भ
९४६९ कणाद्य लोहम् ग्रहणी, सोपदव प्रवा९२५४ काकजङ्घार्थ वातज ग्रहणी, आध्मान |
हिका, अतिसार
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