Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 01
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५३८
भारत-भैषज्य रत्नाकरः
[ककारादि
(९१४५) कर्कटीवीजयोगः कपूर, सफेद चन्दन, लोध, सिरसकी छाल, (ग. नि. । मूत्राघाता. २८ ; भै. र. । मूत्राघाता.) । खस और नागकेसर समान भाग लेकर चूर्ण घनावें। वारिणाऽऽपिष्य बीजानि
इसे ग्रीष्मऋतुमें शरीर पर मलनेसे स्वेद कर्कटयाः सितया सह। । (पसीना) नहीं आता। पीतानि नाशयन्त्युग्रं मूत्ररोधं सवेदनम् ॥ (९२४९) कलिङ्गादिकरूक:
फकही खीरे ) के बीजोंको पानीके साथ (हा. सं. । स्था. ३ अ, ३ } पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर पीनेसे पीडा युक्त।
कलिङ्गपाठातिविषा बलाच प्रवल मूत्रावरोध शीघ्र ही नह हो जाता है।
सोदीच्य मुस्ता परिचानि शुण्ठी । (मात्रा-१ तोला ।)
गुडेन क्षौद्रेण प्रशस्तकल्को (९२४६) कोंटीमूलयोगः
रकातिसारे कफजे शमाय । (ग. नि. 1 मूत्राघाता २८)
इन्दजी, पाठा, अतीस, खरैटीकी जड़, सुगंध. कोटीमलिका पीता दशाई पयसा सइ। वाला, नागरमोथा, काली मिर्च, सोंठ और गुड़ मित्वाऽश्मशर्कराः शीघ्रं पातयत्येव खण्डशः॥ समान भाग लेकर चूर्ण बनावें । इसे शहद में मिला
ककोड़ेकी जड़के चूर्णको दस दिन तक धक कर सेवन करनेसे कफज रक्तातिसार नष्ट होता है। साथ पीनेसे अश्मरि टुकड़े टुकड़े होकर निकल
( मात्रा-३ माशे !) जाती है। (९२४७) कर्परादिवर्णम
(९२५०) कलिङ्गादिचूर्णम् (१) (व. से. । व्रणा. ; ५ व. । त्रणा.)
( ग. नि. । अतिसारा. २) कर्परपूरितं बद्धं सघृतं सम्परोहति । कलिङ्ग कटफल मुस्तं दारुः सातिविषा शिवा। सद्यः शस्त्रक्षतं तत्तु व्यथापाकविवर्जितः॥ फलक तण्डुलतोयेन पिवेपित्तानिलामगी ।
इन्द्रजौ, कायफल, नागरमोथा, दारु, घीमें मिलाकर कपूरका चूर्ण चाकू तलवार भादिके ताजे घावमें भर कर पट्टी बांध देनेसे वह
| अतीस और हरके समान भाग मिलित चूर्णक शीघ्र ही भर जाता है और न तो उसमें पीड़ा।
| चावलोंके धोवनके साथ पीनेसे पित्तज और वातज होतो है, न वह पकता ही है।
अतिसारका नाश होता है।
(मात्रा-१॥ माशा।) (९२४८) कर्पूरागुवर्तनम् (यो. र. । मेदो.)
कलिङ्गादिचूर्णम् । चन्द्रांशुशीतलं लोभ्रं शिरीपोशीरकेसरैः ।
(व. से. । उदरा.) सदर्तनं भवेद्ग्रीष्मे स्वेदोद्गमनिवारणम् ।। रस-प्रकरणमें देखिये।
For Private And Personal Use Only