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समाना, सं० 1960 नाभा नरेश की राज्यसभा में स्थानक वासियों के साथ शास्त्रार्थ एवं महानिशीच सूत्र में मूर्ति पूजा के उल्लेख की
सिदिध। जीरा, सं० 1961 99 प्रकार की पूजा की रचना। लुधियाना, सं० 1962 गुजरानवाला से रामनगर तीर्थ तक छरीपालित संघ निकाला।
अमृतसर, सं० 1963 श्री पार्श्वनाथ पंच कल्याणक पूजा की रचना। गुजरानवाला, सं0 1964 "विशेष निर्णय" तथा भीमज्ञान त्रिशिका की रचना एवं दिल्ली से हस्तिनापुरतीर्थ तक छरीपालित यात्रा संघ निकाला। पालनपर, सं0 1965 जयपर से खोगांव तीर्थ तक संघ एवं आत्म वल्लभ शिक्षण फंड की स्थापना।
बड़ौदा, सं० 1966 राधनपुर से श्री सिद्धाचल तक छरीपालित संघ निकाला। मीयागांव, सं० 1967 बड़ौदा से कावी गान्धार तीर्थ तक संघ, मियागांव में पाठशाला का प्रारंभ, कन्या विक्रय आदि कुप्रथाओं दूर किया।
इक्कीस प्रकारी श्री ऋषि मंडल, श्रीनंदीश्वर रूपी तीर्थ की पूजा की रचना। डभोई, सं0 1968बड़ौदा में मनि-सम्मेलन। द्वादश व्रत पूजा की रचना। नांदोद एवं बड़ौदा नरेश समक्ष श्री हंस विजय जी म. की
अध्यक्षता में सार्वजनिक प्रवचन दिए। बम्बई, सं0 1969 उपप्रधान तप, श्री महावीर जैन विद्यालय की स्थापना। बम्बई, सं० 1970 श्री पंच परमेष्ठी पूजा की रचना।।
सूरत, सं. 1971 श्री जैन वनिता आश्रम के लिए प्रेरणा एवं उपधान तप का आयोजन। जूनागढ़, सं० 1972 स्त्री शिक्षा विद्यालय एवं श्री आत्मानन्द जैन पुस्तकालय की स्थापना। बम्बई, सं0 1973 वंथली में शीतलनाथ भगवान की प्रतिष्ठा, वेरावल में स्त्री शिक्षण विद्यालय, औषधालय की स्थापना। वेरावल से
श्री सिद्धाचल तक छरीपालित यात्रा संघ। श्री महावीर जैन विद्यालय के लिए एक लाख रुपए का फंड,श्री पंचतीर्थ
की पूजा रचना, प्रवर्तक श्री कांति विजय जी म. के साथ चातुर्मास। अहमदाबाद, सं० 1974 श्री हंस विजय जी म. के साथ चातुर्मास। श्री महावीर स्वामी पंचकल्याणक पूजा की रचना और सूरत में प्रतिष्ठा सादड़ी, सं० 1975 पालनपुर में आचार्यों की मूर्तियों की प्रतिष्ठा, विद्यालय के लिए फंड एकत्र कराना, जैन श्वे. अधिवेशन के लिए
प्रेरणा। खुडाला, सं० 1976 श्री आदिनाथ पंचकल्याणक पूजा की रचना। बाली में उपधान शिवगंज से केसरिया जी का संघ निकाला।श्री चौदह
राज लोक, श्री पंचज्ञान, श्री सम्यक दर्शन पूजा की रचना। बीकानेर, सं० 1977 गंदोज और मुंडारा में पुस्तकालय एवं पाठशाला की स्थापना करेड़ा तीर्थ में धर्मशाला
के लिए प्रेरणा। आजीवन खादी धारण करने की प्रतिज्ञा। अंबाला, सं० 1978 108 स्वर्ण मुद्राओं द्वारा निर्मित स्वास्तिक से होशियारपुर में स्वागत। श्री अष्टापद तीर्थ की पूजा रचना। समाना में
प्रतिष्ठा। होशियारपुर, सं0 1979 ब्रह्मचर्य व्रत की पूजा रचना।
लाहौर, सं० 1980 होशियारपुर से कांगड़ा तीर्थ तक संघ,पंजाब में सरस्वती मंदिर के लिए मात्र दस दृव्य ग्रहण करने का अभिग्रह। गुजरानवाला, सं0 1981 लाहोर में प्रतिष्ठा। आचार्य पदवी धारण। श्री शांतिनाथ पंचकल्याणक पूजा की रचना। बड़ौत, सं० 1982 अजैन दानवीर श्रीविठ्ठल भाई गोकुल दास द्वारा श्री आत्मानंद जैन गुरुकुल के लिए बत्तीस हजार का दान।
नए मंदिरों का प्रारंभ।