Book Title: Atmavallabh
Author(s): Jagatchandravijay, Nityanandvijay
Publisher: Atmavallabh Sanskruti Mandir

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Page 262
________________ 39 गत 24 अधिवेशनों का विवरण वि.सं. 1958 1959 1961 1962 1963 1964 1965 1969 1971 1972 1974 1976 तीर्थरक्षा के क्षेत्र में भी कान्फ्रेन्स की उपलब्धि कम नहीं है। पूज्य गुरुदेव विजय वल्लभ सरि जी म.की भावना प्राचीन कांगड़ा तीर्थ के उद्धार थी तत्पश्चात् जिन शासनरत्न आचार्य विजय समद्र सरीश्वर जी म.सा. की अंतिम भावना थी कि कांगड़ा तीर्थ पंजाब का शवंजय तीर्थ बने अतः उन्होंने जैन भारती साध्वी श्री मगावती श्री जी म.को यह कार्य करने की प्रेरणा दी। पूज्या साध्वी श्री जी के प्रयासों से पुरातत्व विभाग के ऑफीसर श्री शीतलप्रसाद जी ने पूजा के लिए अनुमति दे दी। धिवेशन :- कान्फ्रेन्स की स्थापना से लेकर सन् 1979 तक 77 वर्ष की अवधि में भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न महानुभावों की अध्यक्षता में 24 अधिवेशन हो चुके हैं। इनमें अन्तिम 24वां अधिवेशन 1979 में श्रीमान् दीपचन्द भाई एस. गार्डी बार-एट-लॉ की अध्यक्षता में दिल्ली के "विजय बल्लभ स्मारक में शिलान्यास के अवसर पर सम्पन्न हुआ था। यह एक सुखद संयोग है कि कान्फ्रेन्स का 25वां रजत अधिवेशन पुनः बल्लभ स्मारक की मंगलकारिणी धरा पर आयोजित हो रहा है। कलिकाल कल्पतरू पूज्य गुरुदेव विजय वल्लभ सूरी जी म.सा. की पावन स्मृति में जिनशासनरत्न विजय समद्र सूरीश्वर जी म.सा. की सप्रेरणा एवं आदेश से तथा वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य विजय इन्द्रदिन्न सूरि जी म.सा. के आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन से जैन भारती महत्तरा साध्वी मृगावती श्री जी म.सा. के समाधिपर्यन्त सफल प्रयासों से निर्मित "विजय बल्लभ स्मारक' गत अधिवेशन से वर्तमान अधिवेशन के बीच एक अभिनव तीर्थ बन कर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात हो चका है। पूज्य आचार्य श्री जी की निश्रा में न केवल कान्फ्रेन्स का रजत अधिवेशन अपितु जिनप्रभु की अंजनशलाका एवं प्रतिष्ठा तथा पूज्य गुरुदेवों की मूर्ति स्थापना तथा प्रतिष्ठा का भव्य एकादशरन्हिका महोत्सव दिनांक 1.2.88 से 11.2.88 तक हो हा है। इस रजत अधिवेशन के मुख्य अतिथि श्री श्रेणिक भाई के लाल भाई (अध्यक्ष आनन्द जी कल्याण जी पेढ़ी) होंगे जो विजय वल्लभ स्मारक के संरक्षक भी हैं। समारोह के उद्घाटनकर्ता सुप्रसिद्ध उद्योगपति सर्व श्री अभयकमार ओसवाल एवं अध्यक्ष सर्व श्री दीपचन्द भाई एस. गार्डी बार-एट-लॉ बम्बई होंगे। यह अधिवेशन सामाजिक उत्कर्ष के कार्यों को प्रगति प्रदान करने में सफल हो यही शासनदेव से प्रार्थना है। 1981 अधिवेशन स्थल प्रमुख 1. प्लोदी (मारवाड़) सेठ बख्तावरमल मेहता 2. मुंबई रांय बद्रिदास बहादुर 3. बड़ोदरा (गुजरात) रायबहादर बद्धिसिंह जी दधेडीया 4. पाटण (गुजरात) सेठ वीरचंद दीपचंद, सी.आई.ई. 5. अहमदाबाद (गुजरात) रायबहादर सितापचंद जी नाहर 6. भावनगर (सौराष्ट्र) सेठ मनसुखभाई भगुभाई 7. पूना (महाराष्ट्र) सेठ नथमल गोलेच्छा 8. मुलतान (पंजाब) सेठ पन्नालाल जोहरी 9. सुजानगढ़ (राजपुताना) सेठ मोतीलाल मूलजी, जे.पी. 10. मुंबई डॉ. बालाभाई मगनलाल नाणावटी 11. कलकत्ता (बंगाल) सेठ खेतसी खीमसी, जे.पी. 12. सादड़ी (मारवाड़) लाला दौलतराम नाहर कन्वेन्शन सम्मेलन-मंबई खास अधिवेशन सेठ कस्तूरभाई लालभाई। (शत्रज्य समस्या) बाबू बहादुर सिंह जी सिंधी 13. जुन्नेर (महाराष्ट्र) रावसाहेब रवजी सोजपाल, जे.पी. 14. मुंबई बाब निर्मलकमार सिंह जी नवलखा 15. निंगाला सेठ छोटालाल त्रिकमलाल पारेख 16. मुंबई सेठ मेघजीभाई सोजपाल 17. फालना सेठ कांतिलाल ईश्वरलाल, जे.पी. 18. जूनागढ़ सेठ कांतिलाल ईश्वरलाल, जे.पी. 19. बम्बई (सवर्ण जयंती) सेठ अमृतलाल कालीदास जोशी, बी.ए. (बाद में श्री पोपटलाल रामंचद्र शाह) 20. बम्बई सेठ मोहनलाल लल्लुचंद शाह 21. धियाना श्री नरेन्द्रसिंह सिंधी 22. पालीताणा श्री अभयराज बलदौटा (बाद में श्रीहीरालाल एल. शाह) 23. पालीताणा श्री दीपचन्द्र एस. गार्डी 24. दिल्ली (वल्लभ स्मारक) श्री दीपचन्द्र एस. गाडी 1982 1986 19907 1997 2001 2006 2007 2008 2013 2016 2022 2029 2036 Snelibrary.orge

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