________________
१०८
आप्तवाणी-६
प्रश्नकर्ता : 'मेमोरी' अर्थात् बुद्धि के अधीन कहलाता है?
दादाश्री : 'मेमोरी' अर्थात् यदि आवरण बड़ा हो, तो एक घंटे तक याद नहीं आता, जैसे बड़ा बादल आ गया हो, और कभी-कभी पाँच मिनट में ही दिख जाता है, दो मिनट में भी दिख जाता है। इस प्रकार का याददाश्त का अनुभव आपको नहीं होता?
प्रश्नकर्ता : होता है।
दादाश्री : कई बार तो घंटों तक भी ठिकाना नहीं पड़ता। अब नियम ऐसा है कि एकाग्रता से आवरण टूटते हैं। जो आवरण आधे घंटे का हो, वह एकाग्रता से पाँच मिनट में खत्म हो जाए।