________________
[२३] बुद्धिशाली तो कैसा होता है? प्रश्नकर्ता : बुद्धिशाली किसे कहा जाता है?
दादाश्री : जो अपने घर में, व्यवसाय में, चाहे कहीं भी कम से कम टकराव खड़ा हो, इस प्रकार से व्यवहार करे, वह बुद्धिशाली कहलाता है।
वर्ना सामनेवाले को राजी रखने के लिए पंडिताई करे, वह एक प्रकार का ओवरवाइज़पन है। बुद्धि से सामनेवाले को हेल्प होनी चाहिए।
सुबह चाय और मिठाई आई, तो हम मिठाई खाकर चाय पीएँ और फिर शोर मचाएँ कि 'चाय क्यों फीकी है', तो उसे बुद्धिशाली कैसे कहेंगे?
और शायद कभी चाय फीकी आई भी हो, तब भी क्यों शोर मचाएँ? चार आने की चाय के लिए शोर मचाने से घर में बेचारे कितने लोग काँप जाते
हैं!
बुद्धिशाली तो उसे कहते हैं कि कोई व्यक्ति उससे घबराए नहीं, उस तरह बुद्धि का उपयोग करता हो। और जहाँ पर दूसरा कोई घबरा जाता है, वहाँ पर कुबुद्धि है। उससे भयंकर पाप बंधते हैं। यानी कि बुद्धि के भाग तो समझने चाहिए न?
हमसे घर पर किसी की हेल्प नहीं मिले, मतभेद नहीं घटें, तो उस बुद्धि का क्या करना है?
और व्यवसाय में भी घाटा हो जाए, वह स्वाभाविक है, परंतु व्यवसाय की मरम्मत में भूल नहीं होनी चाहिए। आपको क्या लगता है?
प्रश्नकर्ता : ठीक है।