Book Title: Ahimsa Vishvakosh Part 01
Author(s): Subhadramuni
Publisher: University Publication

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ Sके साथ सम्पन्न हुआ था। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी स्वयं भगवान महावीर के 2500 वें परिनिर्वाण दिवस समारोहों के लिए गठित राष्ट्रीय समिति की अध्यक्ष थीं। ए अहिंसा-वर्ष में हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रेरणा से और उनके Sनेतृत्व में भगवान महावीर का 2600 वां जन्म-जयंती महोत्सव राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर र भव्य रूप में आयोजित करने का निर्णय हुआ था। उक्त महोत्सव के अधीन विविध समारोह र (6 अप्रैल, 2001 से प्रारंभ होकर 25 अप्रैल, 2002 तक वर्ष-पर्यंत चले। इस पूरे वर्ष को Sभारत सरकार ने 'अहिंसा-वर्ष' के रूप में विधिवत् मनाया। र शताब्दी-पुरुष राष्ट्र-पिता महात्मा गांधी के शब्दों में "भगवान महावीर अहिंसा के र अवतार थे। उनकी पवित्रता ने संसार को जीत लिया था। महावीर स्वामी का नाम इस समय यदि किसी सिद्धान्त के लिए पूजा जाता है तो वह 'अहिंसा' है। अहिंसा-तत्त्व दर्शन को यदि किसी ने विकसित किया तो वे महावीर स्वामी थे"। इस चिन्तन-प्रक्रिया के परिप्रेक्ष्य में भ. महावीर के 2600 वें जन्म-जयंती महोत्सव को-'अहिंसा वर्ष' के साथ मनाना अत्यन्त प्रासंगिक व न्यायोचित था। ए 'अहिंसा-वर्ष' के दौरान यह चिन्तन मेरे मन में उठा कि भगवान् महावीर द्वारा ए उपदिष्ट अहिंसा के पोषक जो उपयोगी व महत्त्वपूर्ण विचार-कण प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक परम्परा के प्रतिनिधि-वांग्मय में उपलब्ध हैं, उनका संकलन एक विश्वकोश के रूप में किया र एजाय जिससे वे सर्वसाधारण को सुलभ हो सकें और विद्वानों के लिए भी उपयोगी सिद्ध हों। चूंकि प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक धरोहर जिस वांग्मय में बिखरी हुई है, वह बहुत विशाल है,5 है इसलिए सुविधा की दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों को ही रेखांकित कर, उन्हीं के आधार र पर अहिंसा-सम्बन्धी उद्धरणों के संग्रह का कार्य प्रारम्भ किया गया। इसके अतिरिक्त, समस्त Sकार्य को विविध खण्डों में विभाजित करने का निर्णय लिया गया। वे खण्ड हैं-(1)वैदिक/ र ब्राह्मण संस्कृति खण्ड, (2) जैन संस्कृति खण्ड, और (3) सर्वधर्म खण्ड। उक्त निर्णय केर ए अनुरूप, उक्त खण्डों को पृथक्-पृथक् व क्रमशः प्रकाशित किया जा रहा है। DII

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 406