Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 26
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुपखंपो-१, मायणं-१ बहिं च सण्हे तवणिज-रुइल-बालुया-पत्यरे महफासे सस्सिरीयस्वे पासाईए दरिसणिजे अभिरुवे| पडिरूवे एगं च णं महं मवणं कारेति-अणेगखंभसयसन्नविट्ठ लीलट्ठियसालभंजियागं अमुग्णय- सुकयवइरवेइयातोरण - बररइयसालभंजिय - सुसिलिट्ठ - विसिट्ठ-लट्ठ-संठिय- पसत्यवेरुलियखंभ-नाणामणिकणगरयण-खचियउज्जलं बहुसम-सुविभत्त-निचियरमणिजभूमिभागंईहामिय-जाय भत्तिचित्तं खंपुग्णयवयर वेड्यापरिगयाभिरामं विजाहर जमल जुवल जंतजुत्तं पिव अच्चीसहस्समालणीयं रूवगसहस्सकलियं भिसमाणं भिवअभिसमाणं चक्खुल्लोयणलेसं सुहफासं सस्सिरीयरूवं कंचणमणिरयणथूभियागं नाणाविह - पंचवण्ण - घंटापडाग - परिमंडि- बागसिहरं घवल-पिरिचिकवयं विणिम्मुवंतं लाउल्लोइयपहियं जाय गंधवट्टिभूयं पासाईयं दरिसणिज्नं अभिस्वं पडिरूवं।२२-19 (२८) तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो मेहं कुमारं सोहणंसि तिहि-करणनक्खत्त- मुहुर्तसि सरिशियाणं सरिव्ययाणं सरित्तवाणं सरिसलावण्ण-रूव-जोव्यण-गुणोववेयाणं सरिसरहिंतो रायकलेहितो आणिलियाणं पसाहणटुंग-अविहववहु-ओववण-मंगलसुजंपिएहिं अट्ठहिं रायवान्नाहिं सद्धिं एगदिवसेणं पाणि गिहावितुं तए णं तम्स नेहस्स अम्मापियरो इस एयारूवं पीइदाणं दलयंति-अट्ठ हिरण्णकोडीओ अट्ठ सुवण्णकोडीओ गाहाणुसारेण भाणियव्यं जाव पेसणकारियाओ अण्णं च विपुलं धण-कणग- रयण- मणि- मोत्तिय- संख- सिल-प्पबालरत्तरवण-संत-सार-सावएवं अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं पकामं भो पकामं परिभाएर तए णं से मेहे कुमारे एगमेगाए भारियाए एगमेगं हिरण्णकोडिं दलयइ जाव एगमेगं पेसणकारिं दलयइ अण्णं च विउलं धण-कणग- जाव परिभाऊं दलयइ तए णं से मेहे कुमारे उणि पासायवरगए फुट्टमाणेहिं मुइंगमधएहिं वरतरुणिसंपउत्तेहि बत्तीसइबद्धएहिं नाइएहि उगिनिमाणे-उवगिजमाणे उवलालिग्ज- माणे-उवलालिजमाणे इडे सद्द- फरिस- रसरूव-गंधे विउले माणुस्सएकाममोगे पचणुभवमाणे विहाइ।२३।-20 (२१) तेणं कालेणं तेणं समाएणं सपणे भगवं महावीरे पुव्वाणुपुचि चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणामेव रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए [तेणामेव उवागच्छइ उवागच्छिता अहापडिरूवंओगाहं ओगिण्हित्तासंजमेणंतवसाअप्पाणं भावेमाणे विहरइ ।२४.21 (३०) तए णं रायगिहे नपरे सिंधाडग-जाव महया जणसद्दे इ वा जाव यहये उग्गा भोगा रायगिहस्स नगरस्स मज्झमझेणं एगदिसि एगभिमुहा निग्गच्छंति इमं च णं मेहे कुमारे उपिं पासायदरगए फुट्टमाणेहिं मुइंगमत्यएहिं जाव माणुस्सए कामभोगे मुंजमाणे रायमग्गं च ओलोएमाणे-ओलोएमाणे एवं च णं विहरइ तए णं से मेहे कुमारे ते यहये उग्गे भोगे जाव एगदिसाभिमुहे निग्गच्छमाणे पासइ पासित्ता कंचुइज्जपुरिसं सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-किण्णं भो देवामणुप्पिया अज्ज रायगिहे नगरे इंदमहे इ वा खंदमहे इ वा एवं- रूप- सिव- येसमणनाग-जक्ख-भूय-नई-तलाय-रुख-चेइय-पव्वयमहे इ वा उजाण-गिरिज-त्ता इ वा जओणं बहवे उग्गा मोगा जाव एगदिसि एगापिमुहा निग्गच्छंति तए णं से कंचुइज्जपुरिसे समणस्स भगवओ महावीरस्स गहियागमणपवित्तीए मेहं कुमारं एवं वचासी-नो खत्तु देवाणुप्पिया अज रायगिहे नयरे इंदमहे इ वा जाय गिरिजत्ता इ या जंणं एए उग्गा भोगा जाव एगदिसिं एगाभिमुहा निगच्छति एवं खलु देवाणुप्पिया समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे इहभाए इह संपत्ते समोसढे इह चेव For Private And Personal Use Only

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