Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सुयांची - १, अपणं १३
१०३
विम्मि सूरे सहस्सरस्सिग्मि दिणयरे तेयसा जलते सेणियं रायं आपुच्छित्ता रायगिहस्स बहिया उत्तरपुरत्थिये दिसीभागे वेब्भारपव्वयस्स अदूरसामंते दत्युपादगरोइयंसि भूमिभागंसि नंद पोक्खरिणि खणावेत्तए ति कट्टु एवं संपेहेइ संपेहेत्ता कल्लं पाउप्पभायाए एयणीए जाव उड्डियम्मि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणयरे तेयसा जलते पोसहं पारेइ पारेता हाए कयवलिकम्मे मित्त[नाइ-नियग-सयण-संबंधि-परियणेणं सद्धिं संपरिवुडे महत्वं [ महाधं महरिहं रायारिहं] पाहुडं गेण्ड गेण्हित्ता जेणेव सेणिए रावा तेणेव उवागच्छड़ जाव पाहुडं उबटूवेई उबट्टवेत्ता एवं वधासीइच्छापि णं सामी तुमेहिं अम्मगुण्णाए समाणे रायगिहस्स बहिया [ उत्तरपुरत्थि दिसीभागे वेब्भारपव्वयस्स अदूरसामंते वत्थुपाढग रोइयंसि भूमिभागंसि नंदं पोक्खरिणि] खणावेत्तए अहासुहं देवाणुप्पिया तए णं से नंदे मणियारसेट्ठी सेणिएणं रण्णा अव्मगुण्णाए सपाणे हद्वतुट्टे रायगिहं नगरं मज्झमज्झेणं निगच्छ निग्गच्छित्ता वत्थुपाढय रोइयंसि भूमिभागंसि नंदं पोक्खरिणिं खणावेउं पयत्ते यावि होत्या तए णं सा नंदा पोक्खरणी अनुपुव्येणं खम्ममाणा-खम्ममाणा पोक्खरणी जाया याचि होत्या-चाउक्कोणा समतीरा अनुपुव्वं सुजायावप्यसीवलजला संछन्नपत्त - भिसमुणाला बहुउप्पल-पउम-कुमुदनलिण- सुभग- सोगंधिय- पुंडरीय- महापुंडरीयसयपत्त- सहस्सपत्त- पम्फुल्लकेसरोवयेया परिहत्य - भमंत-मत्तछप्पय अणेग- सउणगण-मिहुण-वियरय- सहुन्नइयमहुरसरनाइया पासाईया दरिसणिजा अभिरूवा पडिरूया तए गं से नंदे मणियारसेट्टी नंदाए पोक्खरिणीए च्छदिसिं चत्तारि वणसंडे रोवावेइ तए णं ते वणझंडा अनुपुब्वेणं सारक्खिमाणा संगोविजमाणा संवड्ढिज्जमाणा य वणसंडा जाया किण्हा जाव महामेह- निउरंबभूया पत्तिया पुफिया -[ फलिया हरिपग-रेरिजमाणा सिरी अईव) उवसोभेभाणा- उबसो- पेमामा चिट्ठति
तए णं नंदे मणियारसेट्ठी पुरथिमिल्ले वणसंडे एवं महं चित्तसमं कारावेइ- अणेगखंभसयसणिविद्धं पासाईयं दरिसणिज्जं अभिरूवं पडिरूवं तत्य णं बहूणि किण्हाणि य [नीलाणि य लोहियाणि य हालिद्दाणि य] सुक्लाणि च कट्टकम्पाणि य पोत्यकम्माणि य चित्त- लेप्प- गंधिमवेदिम-पूरिम-संघाइमाई उवदंसिजमागाई उवदंसिजमाणाई चिट्ठति तत्थ णं बहूणि आसणाणि य रायणाणि य अत्युय-पच्चत्थुयाई चिट्ठति तत्थ णं बहवे नडा य नट्टा य [जल्ल मल्ल•मुट्ठिय- वेलंवगकहग- पवग-लासग-आइक्खग-लेख- पंख तूणइल- तुंबवीणिया य] दिनभइ मत-वेयणा तालायरकम्मं करेमाणा करेमाणा विहरंति रायगिहविणिग्गओ एत्य णं बहुजणो तेसु पुवन्नत्थेसु आसणसयणेसु सण्णि-सणीय संतुयट्टो य सुयमाणो व पेच्छ्रमाणो य साहेमाणो य सुहंसुहेणं विहरइ तए णं नंदे मणियारसेट्ठी दाहिणिल्ले वणसंडे एवं महं महाणसालं कारावेइ- अणेगखं- भसणिविट्टं जाव परूिवं तत्य णं बहवे पुरिसा दिनभइ भत्तवेयाणा विउलं असण-पाण- खाइम साइमं उवक्खडेंति बहूणं समण- पाहण-अतिहि-किवण-वर्णमगाणं परिभाएमाणा- परिभएमाणा विहरंति तए णं नंदे मणियारसेट्ठी पच्चत्थिमिल्ले वणसंडे एगं महं तिगिच्छयसालं कारावेइ- अणेगखंभसयसणिविट्ठ जाव पडिरूवं तत्थ णं बहवे वेज्जा य वेज्जपुता य जाणुवा य जाणुयपुत्ता य कुसला य कुसलपुत्ता य दिनभइ भत्त-वेयणा बहूणं वाहियाण य गिलाणाण य रोगियाण य दुब्बलाण व तेइच्छकम्म करेमाणा - करेमाणा विहरंति अण्णे य एत्य बहवे पुरिसा दिन्नभइ भत्त-वेयणा तेसिं बहूणं बाहियाण य गिलाणाण य रोगियाण य दुबलाण य ओसह-भेसन भत्तपाणणं पडियारकम्पं करेमाणा विहरति
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182