Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
१०४
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
नायापम्प कहाओ - १/-/१३/१४५
तए णं नंदे मणियारसेट्ठी उत्तरिल्ले बणसंडे एवं महं अलंकारियतमं कारावेइ अणेखंभसयसणिविदुं जाव पडिरूदं तत्थ णं बहवे अलंकारिय-मणुस्सा दिनभइ भत्त-वेयणा बहूणं माय अणाहाण व गिलाणाण य रोगियाण य दुव्यलाण य अलंकारियकम्पं करेमाणाकरेमाणा विहति तए णं तीए नंदाए पोक्खरिणीए बहवे सणाहा य अणाहा व पंथिया य पहिया य करोडिया व तणहारा य पत्तहारा च कट्ठहारा व अप्पेगइया पहायंति अप्पेगइया पाणियं पियंति अप्पेगइया पाणियं संवहंति अप्पेगइया विसज्जियसेय जल्ल-मल परिस्सम- निद्दखुष्पिवासा सुहंसुहेणं विहरति रायगिहविणिग्गओ वि यत्थ बहुजणी किं ते जलरमणविविहमजण- कयतिलयाहर कुसुम-सत्थरय-अणेगसउणगण-कयरिभियसंकुलेसु सुहंसुहेणं अभिरममाणो-अभिरममाणो विहएइ तए णं नंदाए पोक्खरिणीए बहुजणो महायमाणी य पियमाणो थ पाणियं च संवहमानी ब अणणमण्णं एवं वयासी-धणे णं देवाणुप्पियं नंदे मणियारसेड्डी कयत्थे [णं देवाणुप्पिया कवलक्खणं देवापिया नंदे मणियारसंगी कयपुत्रे णं देवाणुप्पिया नंदे मणियाररोगी कथा णं तोबा सुद्धे माgरसए जम्पजीवियफले जस्स णं इमेयाख्वा नंदा पोक्खरिणी चाउकोणा जाव पडिरूवा जाव रायगिहविणिग्गओ जत्थ बहुजणी आसणंसु व सयणेसु य सण्णिसण्णो य संतुषट्टो य पेच्छमाणी व साहेमाणी य सुहंसुहेणं विहरइ तं धत्रे णं देवाणुप्पिया नंदे मणियारसेट्टी कयत्थे णं देवापिया नंदे मणियारसेड्डी कयलक्खणे णं देवाणुपिया नंदे मणियारसेट्ठी कयपुत्रे णं देवाणुप्पिया नंदे मणियारसंगी कथा णं तोया सुतद्धे माणुस्सए जम्मीजिवियफले नंदस्स मणियारस्स ते णं रायगिहे सिंघाडग - जाब- पसु बहुजणी अण्णमण्णस्स एवमाइक्इ एवं भासइ एवं पत्रवेइ एवं परूवे - धत्रे णं देवाणुपिया नंदे मणियारसेट्ठी सो चेव गमओ जाव सुहंमुहेणं विहरइ तए णं से नंदे मणियारसेड्डी बहुजणस्स अंतिए एयम सोचा निसम्म हट्टतुट्टे धाराहत-कलंबगं विव समूसविरोमकूवे पर सायासोक्खमणुभवमाणे विहरइ |१००/-93
( १४६ ) तए णं तस्स नंदस्स मणियारसेट्ठिस्स अण्णया कयाइ सरीरगंसि सोलस रोगायंका पाउन्भूया तं जहा
सासे कासे जरे दाहे कुच्छिमूले भगंदरे अरिसा अजीरए दिट्ठी
मुद्धसूले अकारए अच्छिवेयणा कण्णवेयणा कंडू दउदरे कोढे ||३२||-1 (१४७) तए णं से नंदे मणियारसेट्टी सोलसहिं रोयायंकेर्हि अभिभूए समाणे कोडुंबियपुरिसे सदावेइ सद्दावेत्ता एवं व्यासी-गच्छह णं तुभे देवाणुपिया रायगिहे नयरे सिंघाडग- [तिग- चउकूक-चच्चर-चउम्मुह]-महापह- पहेषु महया - महया सद्देणं उगधोसेमाणा उग्धोसेमाणा एवं वयहएवं खलु देवाणुपिया नंदस्स मणियारस्स सरीरगंसि सोलस रोयायंका पाउब्यूया तं जहा-सा जाव कोढे तं जो णं इच्छइ देवाणुपिया विज्जो वा विजपुत्तो वा जाणुओ वा जाणुअपुत्तो वा कुसलो वा कुसलपुत्तो वा नंदस्स मणियारस्स तेसिं च णं सोलसन्हं रोगायंकाणं एगमवि रोगायंकं उवासमित्राए तरस णं नंदे मणियारसेट्ठी विकलं अत्यसंपयाणं दलयइ ति कट्टु दोघंपि तच्चंपि घोसणं घोसेह घोसेत्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह तेवि तहेव पञ्चप्पिणंति तए णं रायगिहे नगरे इमेयारूवं घोसणं सोचा निसम्म बहवे येजा य [ वेज्जपुता य जाणुया य जाणुयपुता य कुसला य) कुसलपुत्ताय सत्यकोसहत्यगया य सिलियाहत्थगया य गुलियाहत्थगया य ओसह - भेसजहत्थगया य सएहिंसएहिं गिहेहिंतो निक्खमति निक्खमित्ता रायगिहं मज्झंझेणं जेणेव नंदस्स मणियारसेट्ठिस्स गिहे तेणेव
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182