Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
Acial
११९
सुपक्खंयो-१, अज्जपणं-१६ तितालउयस्स बहुसंभारसंभियस्स] नेहाबगाढस्स गंधेणं वहूणि पिपीलिगासहस्साणि पाउन्मूयाणि जा जहा व णं पिपीलिगा आहारेइ सा तहा अकाले चेयजीवियाओ यवरोविनइ तएणं तस्स धम्मरुइस्स अणगारस्स इमेयारूवे अज्झथिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पञ्जित्था जइ ताव इमस्स सालइयस्स जाव एगमि बिंदुगंमि पकिखतमि अणेगाइं पिपीलिगासहस्साई चयरोविजंति तंजइणं अहं एवं सालइयं तित्तालउयं बहुसंमारसंभियं नेहावगाढं पंडितंसि सव्वं निसिरामि तो णं वहूणं पाणाणं भूयाणं जीवाणं सत्ताणं वहकरणं भविस्सइ त सेयं खलु ममेयं सालइयं जाव नेहाबगाढं सयमेव आहारित्तए ममं चैव एएणं सरीरएणं निजाउ त्ति कट्ट एवं संपेहेइ संपेहेत्ता मुहपोत्तियं पडिलेहेइ ससीसोवरियं कार्य पमज्जेइ तं सालइयं तित्तालाउयं बहुसंभारसंभियं नेहावगाढं बिलमिव पत्रगभूएणं अप्पाणेणं सर्व सरीरकोटगंसि पक्खियइ तए णं तस्स धम्ममरुइस्स तं सालइयं जाय नेहावगाढं आहारिवस्स समाणस्स मुहत्तरेणं परिणममाणंसि सरीरगंसि वेयणा पाउटभूया-उजला विउला क्खडा पगाढा चंडा दुक्खा दुरहियासा
तए णं से धामरूई अणगारे अथामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कारपरक्कमे अघारणिनमित्ति कटु आयारभंडगं एगते टवेइ थंडिलं पडिलेहेइ दडमसंथाएगं संथरेइ दमर्सयारगं दुहाइ पुरत्थाभिमुहे संपलियंकनिसण्णे करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्यए अंजलि कडु एवं ययासीनमोक्षु णं अरहंताणं जाय सिद्धिगइनामधेचं ठाणं संपत्ताणं नमोत्यु णं धम्मघोसाणं थेराणं मम धम्मायरियाणं धम्मोवएसगाणं पुयि पिणं पए धम्मघोसाणं थेराणं अंतिए सव्वे पाणाइवाए पन्नखाए जावजीवाए जाव बहिद्धादाणे पच्चखाए जावजीवाए इयाणि पि णं अहं तेसिं चेव भगवंताणं अंतियं सव्वं पाणाइवावं पञ्चक्खामि जाव बहिद्धादाणं पञ्चक्खामि जावजीवाए जहा खंदओ जाय चरिमेहिं उस्सासेहि बोसिरामि त्ति कट्ट आलोइय-पडिकंते समाहिपत्ते कालगए तए णं ते धम्मघोसा घेरा धम्परूई अणगारं चिरगयं जाणित्ता समणे निग्गंथे सद्दावेंति सद्दावेत्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया धम्मरूई अणगारे मासक्खमणापारणगंसि सालइयस्स जाव नेहावगाढस्स निसिरणट्ठयाए बहिया निग्गए चिरावेइ तं गच्छइ णं तुझे देवाणुप्पिया धमरूइस्स अणगारस्स सव्वओ समंता मागण-गवेसणं करेह तए णं ते सपणा निग्गंधा [धप्मघोसाणं थेराणं जाव तहत्ति आणाए विणएणं वयण] पडिसुणेति पडिसुणेत्ता धम्मघोसाणं थेराणं अंतियाओ पडिनिस्वमंति पडिनिक्खमित्ता धम्मरुइस्स अणगारस्स सव्यओ समंता मग्गण-गवेसणं करेमाणा जेणेव थंडिले तेणेच उवागच्छंति उवागच्छिता धम्मरूइस्स अणगारस्स सरीरगं निप्पाणं निच्छेहूँ जीवविष्पजढं पासंति पासिता हा हा अहो अकजमिति कट्ट धापरुईस अणगारस्स परिनिव्वाणवत्तियं काउस्सागं करोति धम्परुइयस्स आवारमंडगं गेण्हंति गेण्हित्ता जेणेव धम्मघोप्ता थेर तेणेव उवागच्छति उवागच्छित्ता गपणागमणं पडिक्कति पडिकूकमित्ता एवं वयासी-एवं खलु अम्हे तुभं अंतियाओ पडिनिक्खमामो सुभूमिमागस्स उज्ज्ञाणस्स परिपेरंतेणं धम्मरूइस्स अणगारस्स सच्चओ [समंता मग्गणगवेसणं] करेभाणा जेणेव थंडिले तेणेव उवागच्छामो जाव इहं हव्यमागया तं कालगए णं मंते धम्मरुई अणगारे इमे से आधारभंडए
तए णं ते धमधोसा थेरा पुव्वगए उवओगं गच्छंति समणे निग्गंथे निग्गंधीओ य सद्दावेंति सद्दावेत्ता एवं बयासी-एवं खलु अजो मम अंतेवासी धम्मरूई नामं अणगारे पगइभद्दए (पगइछवसंते पगइपयणुकोहमाणमायालोभे मिउमद्दव-संपत्रे अल्लीणे भद्दए विणीए मासंमासेणं अनि.
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182