Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 127
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ११८ नायाधय्मकहाओ - १/-/१६/१५८ याओ न जाणंति ताव मम सेयं एवं सालइयं तित्तालाउयं बहुसंभारसंभियं नेहावगाढं एगते गोवितए अन्नं सालाइयं महुरालाउयं [बहुसंभारसंभियं] नेहावगाढं एगते नगोवित्तए अण्णं सालहेइ संपेत्ता तं सालइयं जाव गोवेइ गोवेत्ता अण्णं सालइयं महुरालाउयं बहुसंभारसंभियं नेहावगाढं उक्खडे उक्खत्ता तेसिं माहणाणं ण्हायाणं [भोयणमंडवंसि ] सुहासणवरगयाणं तं विपुलं असण-पाणखाइम- साइमं परिबेसेइ तए गं ते माहणा जिमियभुत्तुत्तरागया समाणा आयंता चोक्खा परमसुइभूया सकम्मसंपउत्ता जाया यावि होत्या तए णं ताओ माहणीओ पहायाओ जाव विभूसियाओ तं विपुलं असण-पाण खाइम- साइमं आहारैति जेणेव सयाई गिहाई तेणेव उवागच्छति उवागच्छित्ता सकम्भसंपउत्ताओं जायाओ ।११२1-106 (१५९) तेणं कालेणं तेणं समएणं धम्मधोसा नामं घेरा जाद बहुपरिवारा जेणेव चंपा नयरी जेणेव सुभूमिभागे उज्जाणे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता अहापडिरूवं [ ओग्गहं ओगिता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति परिसा निग्गया धप्पो कहिओ परिसा पडिगया तए गं तेसिं धम्मधोसाणं घेराणं अंतेवासी धम्मरूई नामं अणगारे ओराले घोरे घोरगुणे घोरतवस्सी घोरदंभचेरवासी उच्छूढसरीरे संखित्त-विउल] तेयलेस्से मासंमासेणं खममाणे विहरइ तए णं से धम्मरूई अणगारे मासखमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ बीयाइ पोरिसीए झाणं झियाइ एवं जहा गोयमसामी तहेव भायणाई ओगाहेइ तहेव धम्मघोषं थेरं आपुच्छइ जाव चंपाए नयरीए उच्च-नीअमज्झिमाई कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खावरियाए अडमाणे जेणेव नागसिरी माहणीए गिहे तेणेव अनुपविट्ठे तए णं सा नागसिरी पाहणी धम्मरूई एजमाणं पासइ पासित्ता तस्स सालइयस्स तित्तालाउयस्स बहुसंभारसंभियस्स नेहावगाढस्स एडणट्टयाए हट्टतुट्ठा उट्ठाए उडेइ उत्ता जेणेव भतघरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता तं साताइयं तितालउयं बहुसंभार- संभियं नेहावगाढा धम्मरुइस्स अणगारस्स पडिग्गहंसि सव्वमेव निसिरइ तए णं से धम्यरूई अणगारे अहापज्जत्तमित्ति कट्टु नागसिरीए माहणीए गिहाओ पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता चंपाए नयरीए मझंमज्झेणं पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता जेणेव सुभूमिभागे उज्जाणे जेणेव धम्मघोसा घेरा तेणेव उबागचाइ धम्मघोसस्स अदूरसामंते अत्रपाणं पडिलेहेइ पडिलेहेत्ता अन्नपाणं करवलंसि पडिदंसेइ तए णं धम्मधोसा थेरा तस्स सालइयस्स तित्तालाउयस्स बहुसंभारस्सभियस्स ने हावगाढस्स गंधेणं अभिभूया समाणा तओ सालइयाओ तित्तालाउयाओं बहुसंभारसंभियाओ नेहावगाढाओ एवं बिंदुयं गहाय करयलंसि आसादेति तित्तगं खारं कडुयं अखजं अभोजं विसभूयं जाणित्ता धम्मरूई अणगारं एवं ववासी-जइ णं तुमं देवाणुप्पिया एयं सालइयं [ तित्तालाउचं बहुसंभारसंभियं] नेहावगाढं आहारेसि तो णं तुमं अकाले चैव जीवियाओ यवरोविजसि तं मा णं तुमं देवाप्पिया इमं सालइयं [ तितालाज्य बहुसंभारसंभियं नेहावगाढं ] आहारेसि मा णं तुम अकाले चैव जीविद्याओ ववरोविजसि तं गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया इमं सालइयं तित्तालउयं बहुसंभारसंभियं नेहावगाढं एगंतमणावाए अचित्ते थंडिले परिद्ववेहि अण्णं फासूयं एसणिज्जं असण-पाण-खाइम-साइमं पडिगात्ता आहारं आहारेहि तए णं से धम्परूई अणगारे धम्मघोसेणं थेराणं एवं चुत्ते समाणे धम्मधोसस्स थेरस्स अंतियाओ पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता सुभूमिभागाओ उज्जाणाओ अदूरसामंते थंडिलं पडिलेहेई पडिलेहेत्ता तओ सालइयाओ तित्तालाउयाओ बहुसंभारभियाओ नेहावगाढाओ एवं बिंदुगं गहाय थंडिलंसि निसिरइ तए णं तस्स सालइयस्स For Private And Personal Use Only

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