Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 165
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नायाषामकहाओ - 91-1941२११ तए णं ते पंच चोरसया नगरगुत्तिएहिं हय-महिय-[पवरवीर-धाइय-विवडिय चिंध- धयपडागा किच्छोवगयपाणा दिसोदिसिं] पडिसेहिया समाणा तं विपुलं धण-कणगं विच्छमाणा य विपकिरमाणा य सब्बो सपंता विप्पलाइत्था तए णं ते नगरगुत्तिया तं विपुलं घण-कणगं गेहंति गेण्हित्ता जेणेव रागगिहे नगरे तेणेच उवागच्छंति तए णं से चिलाए तं चोरसेनं तेहिं नगरगुत्तिएहिं हय-पहिय-पवर-वीर-घाइय-विवडियचिंघ-धय-पडार्ग किच्छोवगरपाणं दिसोदिसि पडिसेहिचं पासित्ता भीए तत्थे संसपं दारियं गहाय एगं महं अगामियं दीहसद्धं अडविं अनुपविढे तए णं से धणे सत्यवाहे सुंसुमं दारियं चिलएणं अडवीमुहिं अवहीरपाणि पासित्ता णं पंचहि पुत्तेहिं सद्धिं अप्पछडे सण्णद्ध-बद्ध-वम्पिय-कवए चिलायस्स पयमणविहि अनुगच्छमाणे अभिगजंते हककारेमाणे पुकारेमाणे अभितञ्जमाणे अभितासेमाणे पिट्ठओ अनुगच्छइ तए णं से चिलाए तं धणं सत्थवाहं पंचहिं पुतेहिं सद्धिं अप्पाष्टुं सण्णद्ध-बद्ध-वम्भिय-कवयं सपणुगच्छमाणं पासइ पासित्ता अत्थामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कारपरक्कमे जाहे नो संचाएइ सुंसुमं दारियं निव्याहित्तए ताहे संते तंते परितंते नीलुप्पल[गवलगुलियअवसिकुसुमप्पगासं खुरधारं] असि परामुसइ परामुसित्ता सुंसुमाए दारियाए उत्तमंग छिदइ छिंदित्ता तं गहाय तं अगामियं अडविं अनुपविढे तए णं से चिलाए तीसे अगामियाए अडवीए तण्हाए छुहाए अभिभूए समाणे पम्हट्ठ-दिसामाए सीहगुहं चोरपल्लिं असंपत्ते अंतरा चेव कालगए एवामेव समणाउसो [जो अम्हं निग्गंधो वा निग्गंधी वा आयरिच-उवज्झायाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं] पव्वइए सपाणे इमस्स ओरालिवसरीरस्स वंतासवस्स पित्तासवस्स खेलासवस्स सुक्कासबस्स सोणियासवस्स दुरुय- उस्सासनिस्सास्स [दुरुय-मुत्त-पुरीस-पूय-बहुपडिपुनस्स उच्चारपासवण-खेल-सिंधाणग-चंत-पित्त- सुकसोणियसंभवस्स अधुवस्स अनितियस्स असासवस्स सडण- पडण विद्धंसणधम्मस्स पच्छा पुरं च णं अघस्सविप्पजहणिजस्स) वपणहेउं वा [रूवहेउं या बलहेउं वा विसवहे या आहारो आहारेइ से णं इहलोए चेव बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं साबवाणं बहूणं सावियाण य हीलणिज्जे जाप चाउरंत संसारकंतारं अनुपरियट्टिस्सइ-जहा व से चिलाए तक्करे तए णं से घणे सत्यवाहे पंचहिं प्रत्तेहिं सद्धि अप्पछडे चिलायं तीसे अगामियाए अडवीए सव्यओ समता परिधाडेमाणे-परिधाडेमाणे संते तंते परितंते नो संचाएइ चिलायं चोरसेणावइ साहत्थि गिण्हित्तए से णं तओ पडिनियत्तइ पडिनियत्तित्ता जाणेव सा सुंसुमा चिलाएणं जीवियाओ ववरोविया तेणेव उवागच्छइ उवागच्छिता सुंसुमं दारिवं चालिएणं जिवियाओ ववरोपियं पासइ पासित्ता परसुनियत्ते ब्व चंपगपायब्वे [निव्वत्तपहे व्व इंदलट्ठी विमुक्कसंधिबंधणे धरणितलंसि सव्वंगेहिं धसत्ति पडिए] तए णं से धणे सत्यवाहे पंचहिं पुत्तेहिं सद्धिं अप्पछडे आसत्थे कूवमाणे कंदमाणे विलबमाणे महया-महया सद्देण कुहुकुहुस्स परुने सुचिरकालं बाहप्पमोक्खं करेइ तए णं से घणे सत्यवाहे पंचहिं पुत्तेहिं सद्धिं अप्पछट्टे विलायं तीसे अगामियाए अडवीए सव्वओ समंता परिघाडेमाणे तण्हाए छुहाए य परब्भाहते समाणे तीसे अगामियाए अडवीए सव्वाओ समंता उदगस्स मागण-गवेसणं करेपाणे संते तंते परितंते निधिपणे तीसे अगामियाए अडवीए उदगं अणासाएमाणे जेणेव सुसुमा जीवियाओ ववरोविएल्लिया तेणेव उवागच्छइ उवागकित्ता जेठं पुत्तं धणं सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-एवं खलु पुत्ता सुंसुमाए दारियाए अट्ठाए चिलायं तक्करं सचओ समंता परिघाडेमाणा तण्हाए छुहाए य अभिभूया समाणा इमीसे For Private And Personal Use Only

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