Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 163
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १५४ नायाषामकहाओ - 11-194/२०९ नित्थाणं निद्धणं करेमाणे विहाइ तए णं से चिलाए दासचेडए रायगिहे बहूहि अस्थाभिसंकीहि य चोजाभिसंकीहि य दासभिसंकीहि य धणिएहि य जूयकरेहि य परमवमाणे-परब्भवमाणे रायगिहाओ नगराओ निगच्छइ निग्गच्छित्ता जेणेव सीहगुहा चोरपल्ली तेणेव उवागच्छइ उवागछिता विजयं चोरसेणावइ उवसंपज्जित्ता णं विहरइ तए णं से चिलाए दासचेडे विजयस्स चोरसेणावइस्स अगअसिलट्ठिीगाहे जाए याचि होत्था जाहे वि य णं से विजए चोरसेणावई गामघायं वा [नगरघार्य वा गोगहणं वा दंदिग्गहणं वा] पंथकोटि वा कारं पञ्चई ताहे वि य णं से चिलाए दासचेडे सुवहुंपि कूषियबलं हव-महिय-[पवर वीर आइय-विवडियचिंध-धय-पडागं किच्छोवगयपाणं दिसोदिसिं| पडिसेहेइ पडिसेहेता पुणरवि लद्धडे कयकज्जे अणहसमागे सीहगुहं चोरपल्लिं हव्वमागच्छइ तए णं से विजए चोर सेणावई चिलावं तक्करं बहूओ चोरविज्ञाओ य चोरमंते य चोरमायाओ य चोरनिगडीओ य सिक्खावेइ तए णं से विजए चोरसेणावई अण्णया कयाइ कालधम्पुणा संजुत्ते यावि होत्था तए णं ताई पंचचोरसयाई विजयस्स चोरसेणावइस्स महया-महया इड्डी-सक्कारसमुदएणं नीहरणं करेंति करेत्ता बहूई लोइयाई मकिच्चाई करेंति करेत्ता [कालेणं] विगयसोया जाया यावि होस्था तए पं ताई पंचचोरसयाई अण्ममण्णं सद्दावेति सद्दावेत्ता एवं वयासी-एवं खलु अम्हं देवाणुप्पिया विजए चोरसेणावई कालधम्मुणा संजुत्ते अयं चणं चिलाए तक्करे विजएणं चोरसेणावइणा वहूओ चोरविञ्जाओ य चोरमंते य तोपमायाओ य चोरनिगडीओ य] सिक्खाविए तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया चिलायं तक्करं सीहगुहाए चौरपल्लीए चोरसेणा- वइताए अभिसिंचितए त्ति कटु अण्णमण्णयस एयपटुं पडिसुणेति पडिसुणेत्ता चिलायं सीलगुहाए चोरपल्लीए चोरसेणावइत्ताए अभिसिंचति तए णं से चिलाए चोरसेणावई जाए-अहम्मिए [अहम्मिटे अहम्पक्खाई अहम्मामुए अहम्मपलोइ अहम्मपलज्जणे अहम्मसीलसमुदायरे अहम्मेण चेव वित्ति कप्पेपाणे] विहाइ तए णं से चिलाए चोरसेणावई चोरनायगे [बहूणं चोराण य पारदारियाण य गंठिभेयगाण व संघिच्छेयगाण व खत्तखणगाण य रायावगारीण य अणधारगाण य बालघायगाण य वीसंमघायगाण य जूयकाराण य खंडरक्काण य अण्णेसिं च बहूणं छिण्ण-भिण्ण- बाहिराहयाणं] कुइंगे यावि होत्था से णं तत्थ सोहगुहाए चोरपल्लीए पंचण्हं चोरसयाणं [आहेवचं पोरेवळ सामित्तं पट्टितं महत्तरगतं आणाईसरसेणायचं कारेमाणे पालेमाणे विहाइ तए णं से चिलाए चोरसेणावइ) रायगिहस्स नवरस्स दाहिणपुरस्थिमिल्लंजणवयं [बहूहिं गामधाएहि य नगरघाएहि य गोगहणेहि य बंदिगहणेहि य पंथकट्टणेहि य खत्तखणणेहि य उदीलेमाणे-उवीलेमाणे विद्धंसेमाणे-विद्धंसेमाणे नित्थाणं निद्धणं करेमाणे विहरइ।१४३।-137 (२१०) तए णं से चिलाए चोरसेणावई अण्णया कयाइ विपुलं असण-पाण-खाइम-साइमं उयम्खडावेत्ता ते पंच चोरसए आमंतेइ तओ पच्छा पहाए कयबलिकम्मे भोयणमंडवंसि तेहिं पंचहिं चोरसएहिं सद्धिं विपुलं असण-पाणखाइम-साइमं सुरं च [मनं चं मंसं च सीधुं च पसन्नं च आसाएमाणे विसाएमाणे परिभाएमाणे परिभुजेमाणे विहरइ जिमियभुत्तत्तरागए ते पंच चोरसए विपुलेणं धूव-पुप्फ-गंध-पल्लालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ सरकारेत्ता सप्माणेत्ता एवं बवासी-एवं खलु देवाणुप्पिया रायगिहे नयरे धणे नामं सत्थवाहे अड्ढे तस्स णं धूया भद्दाए अत्तया पंचण्हं For Private And Personal Use Only

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