Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 134
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुयक्खंधो- १, अज्झयणं - १६ से दमगपुरिसे सूमालियाए दारियाए पासाओ उट्ठेइ उठेत्ता जेणेव सए सयणिज्जे तेणेव उवागच्छ उवागच्छित्ता सयणिज्जंसि निवज्जइ तए णं सा सूमालिया दारिया तओ मुहुत्तंतरम्स पडिबुद्धा समाणी पइव्वाया पइमरता पई पासे अपस्समाणी तलिमाओ उट्ठेइ उट्ठेत्ता जेणेव से सयणिजे तेणेब उवागच्छइ उवागच्छित्ता दमगपुरिसस्स पासे नुवज्जइ तए णं से दमगपुरिसे सूमालियाए दारियाए दोघंपि इमं एवारूवं अंगफासं पडिसंवेदेइ जाव (अकामए अवसवसे मुहुत्तमेतं संचिट्ठइ तए णं से दमगपुरिसे सूमालियं दारियं सुहपमुत्तं जाणित्ता ] सवणिज्जाओ अब्भुट्ठेइ अब्भुट्टेत्ता वासघराओ निग्गच्छइ निग्गच्छित्ता खंडमल्लगं खंडघडगं च गहाय मारामुक्के विव काए जामेव दिसिं पाउन्भूए तामेव दिसिं पडिगए तए णं सा सूमालिया [दारिया त ओ मुहुत्तंतरस्स पडिबुद्धा पतिव्बया पइमरत्ता पई पासे अपासमाणी सवणिजाओ उट्ठेइ दमगपुरिसम्स सच्चओ समंता मग्गण - गवसणं करेमाणी-करेमाणी वासघरस्स दारं विहाडियं पाएइ पासित्ता एवं व्यासी] गए णं से दमगपुरिसे त्ति कट्टु ओहयमणसंकप्पा [करतलपल्हत्थमुही अट्टज्झाणोवगया ] झियाय १११८/- 112 {१ ६ ५) तए णं सा भद्दा कल्लं पाउप्पभाचाए रयणीए उड्डियम्मि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणवरे तेयसा जलते दासचेडिं सद्दाचे सद्दावेत्ता एवं [ वयासी - गच्छह णं तुषं देवाणुपिया बहूबरस्स मुहधोवणियं उवणेहि तए णं सा दासचेडी भद्दाए सत्यवाहीए एवं वृत्ता समाणी एचमङ्कं तरत्ति पडिसुणेइ पडिसुणेत्ता मुहधोवणियं गेण्हइ गेण्हित्ता जेणेव वासघरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छिता सूमालियं दारियं ओहयमणसंकष्पं करत नल्हत्यमुहिं अट्टज्झाणोवगयं झियायमाणि पासइ पासित्ता एवं बयासी किरणं तुमं देवाणुप्पिए ओहयमणसंकप्पा करतलपल्हत्थमुही अट्टज्झाणोवगवा झि बाहि तए णं सा सूमालिया दारिया तं दासचेडिं एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पियाए दमगपुरिसे ममं सुहपसुत्तं जाणित्ता मम पासाओ उडेइ उड्डेता बासघरदुवारं अवंगुणेइ अवंगुणेता मारामुक्के विव काए जामेव दिसिं पाउ भूए तामेव दिसिं पडिगए तए णंहं तओ मुहुत्तंतरस्स पडिवुद्धा पतिव्वया परताप पासे अपासमाणी सयणिज्जाओ उडेमि दभगपुरिसस्स सव्वओ समंता मग्गणगवसणं करेमाणी- करेमाणी वासधरस्स दारं विहाडियं पासामि पासित्ता गए णं से दमगपुरिसे त्ति कट्टु ओह मणसंकप्पा करतलपल्हत्थमुही अट्टज्झाणोवगया झियायामि तए णं सा दासेचेडी सूमालियाए दारियाए एयम सोच्चा जेणेव सागरदत्ते सत्यवाहे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छ्रित्ता] सागरदत्तस्स एयमहं निवेदेइ तए णं से सागरदत्ते तहेव संभंते समाणे जेणेव वासघरे तेणेब उवागच्छइ उवागच्छित्ता सूमालियं दारियं अंके निवेसेड़ निवेत्ता एवं वयासी- अहो णं तुमं पुत्ता पुरापोराणाणं [दुचिण्णाणं दुप्परक्ताणं कडाणं पावाणं कम्पाणं पावगं फलवितिविसेसं] पच्च १२५ मयमाणी विहरसि तं मा णं तुमं पुत्ता ओहयमणसंकप्पा जाव झियाहि तुमं णं पुत्ता मम महाणसंसि विपुलं असण-पाण- खाइम साइमं [ उवक्खडावेहि उवक्खडावेत्ता बहूणं समण - पाहण- अतिहिकिवण-वर्णीमगाणं देयमाणी य दवावेमाणी य] विहराहि तणं सासूमालिया दारिया एयमङ्कं पडिसुणेइ पडिसुणेत्ता कल्लाकल्लिं महाणसंसि विपुलं असण-पाण- खाइम- साइमं जाव परिभाएमाणी विहरइ तेणं कालेणं तेणं समएणं गोवालियाओ अजाओ बहुस्याओ | बहुपरिवाराओ पुव्वाणुपुर्व्विं चरमाणीओ जेणेव चंपा नयरी तेणेव उवागच्छति उवागच्छित्ता अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिण्हंति ओगिव्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं मामाणीओ विहरति तए णं तासिं गोवालियाणं अजाणं एगे संघडए जेणेव गोवालियाओ For Private And Personal Use Only

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