Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 137
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १२८ नायापम्मकहाओ - 4/-१६/१६७ अकरणया अब्भुढेहि अहारिहं तवोकप्पं पायचित्तं] पडिवजाहि तए णं सा सूमालिया गोवालियाणं अजाणं एयपटुंनो आढाइ नो परियाणाइ अणादायमाणी अपरियाणमाणी विहाइ तए णं ताओ अजाओ सूमालियं अजं अभिक्खणं-अभिक्खणं हीलेंति निंदेति खिसेति गरिहंति] परिभवंति अभिक्खणं-अभिक्खणं एयपटुं निवारंति तए णं तीसे सूमालियाए समीहिं निग्गंथीहि हीलिजमाणीए जाव निवारिजमाणीए इमेयास्वे अज्झथिए [चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे] समुप्पज्जित्था जया णं अहं अगारमज्झे वसामि तया णं अहं अप्पवसा जया णं अहं मुंडा भवित्ता पव्वइया तया णं अहं परवसा पुब्बि च णं ममं समणीओ आउँति परिजाणंति इयाणि नो आदति नो परिजाणंति तं सेयं खलु पम कल्लं पाउप्यभायाए रयणीए उहियम्पि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणवरे तेयसा जलते गोवालियाणं अजाणं अंतियाओ पडिनिकखमित्ता पाडिएक्कं उवस्सयं उपसंपन्जिता णं विहरित्तए त्ति कट्ट एवं संपेहेइ संपेहेत्ता कलं पाउप्पभायाए रयणीए उहिन्मि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणयरे तेचसा जलते गोवालियाणं अजाणं अंतियाओ पडिनिखमइ पडिनिखमित्ता पाडिएकूकं उवस्सयं उयसंपजिता णं विहरइ तए णं सा सूमालिया अग्ला अणोहट्टिया अनिवारिया सच्छंदमई अभिक्खणं-अभिक्खणं हत्थे धोवेइ जाव गुज्झंतराइं धोवेइ जत्थ णं ठाणं वा सेजं वा निसीहियं वा वेएइ तत्थ वि य णं पुव्यामेव उदएणं अभुक्खेत्ता तओ पच्छा ठाणं वा सेनं वा निसीहियं वा] चेएइ तत्य वि य णं पासस्था पासत्थिविहारिणी ओसन्ना ओसत्रविहारिणी कुसीला कुसीलविहारिणी संसता संसत्तविहारिणी बहूणि यासाणि सामण्णपरियागं पाउणइ पाउणित्ता अद्धमासिवाए संलेहणाए अप्पाणं झोसेत्ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेएत्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे अण्णयरंसि देवगणियत्ताए उबवण्णा तत्थेगइयाणं देवीणं नवपलिओवमाइं ठिई पन्नत्ता तस्थ णं सूमालियाए देवीए नवपलिओवमाई ठिई पत्रत्ता ।१२१1-115 (१६८) तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव दीवे भारहे वासे पंचालेसु जणवएसु कंपिल्लपुरे नामं नयरे होत्या-वण्णओ तत्थ णं दुवए नामं राया होत्या-वण्णओ तस्स णं चुलणी देवी धज्जुणे कुमारे जुवरावा तए णं सा सूमालिया देवी ताओ देवलोगाओ आउखएणं [ठिइक्खएणं मवक्खएणं अणंतरं धयंचइत्ता इहेब जबुद्दीवे दीवे भारहे वासे पंचालेसु जणवएसु कंपिल्लुपुरे नयरे दुवयस्स रण्णो जुलणीए देवीए कुञ्छिसि दारिवत्ताए पञ्चायाया तए णं सा चुलणी देवी नवण्हं माताणं [बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाण य राइंदियाणं वीइक्कंताणं सुकुमाल-पाणिपायं जाय] दारियं पयाया तए णं तीसे दारियाए निव्वत्तबारसाहियाए इमं एयारूवं नाम-जम्हाणं एसा दारिया दुपयस्स रण्णो चुलणीए देवीए अत्तया तं होउ णं अम्हं इमीसे दारियाए नामधेजे दोवई तए णं तीसे अम्मापियरो इस एयारूवं गोण्णं गुणनिप्फन्न नामधेनं करेंति-दोवई-दोवई तए णं सा दोवई दारिया पंचधाईपरिग्गहिया जाव गिरिकंदरमल्लीणा इव चंपगलया निवाय-निव्याघायंसि सुहंसुहेणं परिवड्ढइ तएणं सा दोबई रायवरकन्ना उम्मुककबालभावा [विण्णय-परिणयमेत्ता जोव्वण- मणुपत्ता रूवेण य जोवणेण व लावण्णेण य उक्किट्ठा] उक्किट्ठसरीरा जाया यावि होत्या तए णं तं दोवई रायवरकन्नं अण्णया कयाइ अंतेउरियाओ व्हायं जाय सव्वालंकारविभूसियं करेंति करेत्ता दुववस्स रण्णो पायवंदियं पेसेंति तए णं सा दोवई रायवरकण्णा जेणेव दुवए राया तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता दुवयस्स रपणे पायग्गहणं करेइ तए णं से दुवए राया दोवई दारियं अंके For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182