Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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नायाधम्मकहाओ - 91-1१६/१७५
___के णं देवाणुप्पिया से अगडदगुरे [पउमनाभा से जहानामए अगडदहुरे सिया सेणं तत्थ जाए तस्येव वुड्ढे अण्णं अगडं वा तलागं वा दहं वा सरंचा सागरं वा अपासमाणे मण्णइ-अयं चैव अगडे वा तलागे वा दहे वा सरे वा सागरे वा तए णं तं कूवं अण्णे सामुद्दए दद्दुरे हव्वमागए तए णं से कूवदद्दुरे तं सामुद्दयं दहुरं एवं वयासी-से के तुम देवाणुप्पिया कत्तो वा इह हव्वमागए तए णं से सामुद्दए दगुरे तं कूवदहुरं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया अहं सामुद्दए दहुरे तए णं से कूवदहुरे तं सामुद्दयं दद्दुरं एवं वयासी-केपहालए णं देवाणुप्पिया से समुद्दे तए णं से सामुद्दए दहुरे तं कूवदहुरं एवं वपासी-महालए णं देवाणुप्पिया समुद्दे तए णं से कूवद्हरे पाएणं लीहं कड्ढेइ कड्वेत्ता एवं ववासी-एमहालए णं देवाणुप्पिया से समुद्दे नो इणढे समठू महालए णं से समुद्दे तए णं से कूवद्दुरे पुरथिमिल्लाओ तीराओ उप्फिडित्ता णं पञ्चस्थिमिल्ल तीरं गच्छइ गच्छिता एवं वयासी-एमहालए णं देवाणुप्पिया से समुद्दे नो इणढे समढे एवामेव तुमं पि पउमनाभा अण्णेसि बहूणं राईसर जाव सत्यवाहपभिईणं भज्जं वा भगिणि वा धूयं वा सण्हं वा अपासमाणे जाणसि जारिसए मम चेवणं ओरोहे तारिसए नो अण्णेसि] एवं खलु देवाणुप्पिया जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे हथियाउरे नयरे दुपयस्स रण्णा धूवा चुलणीए देवीए अतया पंडुस्स सुहा पंचण्हं पंडवाणं भारिचा दोवई नाम देवी रूवेण व [जोवण्णेण य लावण्णेण य उक्किट्ठा] उक्किसरीरा दोवईए णं देवीए छिन्नस्सवि पायंगुट्टास अयं तय ओरोहए सयंपि कलं न अधइ त्ति कटु पउमनामं आपुच्छइ] आपुछित्ता जामेव दिसिं पाउदभूए तामेव दिसि पडिगए तए णं से पउमनाभे राया कालनारयस्स अंतए एयमहूँ सोच्चा निसम्म दोवईए देवीए रूबे य जोवण्णे य लावण्णे य मुछिए गढिए गिद्धे अज्झोववण्णे जेणेय पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ उवागविता पोसहसाले [अनुप्पविसइ अनुप्पविसित्ता पुवसंगइयं देव मणसीकरमागे-मणसीकरेपाणे चिट्ठइ तए णं पउमनाभस्स रण्णो अनुमभतंसि परिणममाणसि पुष्वसंगइओ देवो जाव आगओ भणतुंणं देवाणुप्पिवा जं मए कायव्यं तए णं से पउमनाम पुव्वसंगइयं देवं एवं ववासी-एवं खलु देवाणुप्पिया जंबुद्दीवे दीवे मारहे वासे हत्थिणाउरे (नयरे दुपयस्स रण्णो धूया चुलणीए देवीए अत्तया पंडुस्स सुष्हा पंचण्डंपंडवाणं भारिया दोवई नापं देवी रूवेण य जोवण्णेण य लावण्णेण य उसकेकट्ठा उकिकट्ठ] सरीरा तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया दोवई देवि इह हबमाणीयं
___तएणं से पुष्वसंगइए देवे पउमनाभं एवं वयासी-नो खलु देवाणुप्पिया एवं भूयं वा मच्चं वा भविस्सं वा जण्णं दोवई देवी पंच पंडवे मोतूर्ण अण्णेणं पुरिसेणं सद्धिं उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणी विहरिस्सइ तहाविय णं अहं तव पियट्टयाए दोवइं देवि इहं हव्यमाणेमि त्ति कट्टपउमनाभं आपुच्छइ आपुच्छित्ता ताए उक्किट्ठाए [तुरियाए दवलाए चंडाए जदणाए सिन्धाए उपाए दिवाए| देवगईए लवणसमुदं मज्झमझेणं जेणेव हस्थिणाउरे नवरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए तेणं कालेणं तेणं सपएणं हस्थिणाउरे नयो जुहिडिल्ले राया दोवईए देवीए सद्धिं उप्पि आगासतलगंसि सुहप्पसुत्ते यावि होत्था तए णं से पुव्वसंगइए देवे जेणेव जुहिडिल्ले रावा जेणेव दोबई देवी तेणेव उवागच्छइ उवगछित्ता दोवईए देवीए ओसोवर्णि दलयइ दलइत्ता दोवई देविं गिण्हइ गिण्हित्ता ताए उक्किट्ठाए जाव देवगईए जेणेव अवरकंका जेणेव पउमनाभस्स भवणे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता पउमनाभस्स भवणंसि असोगवणियाए दोवई देवि ठाइ ठावेत्ता ओसोवणिं अवहरइ अवहरिता जेणेव पउपनामे तेणेव उवागच्छइ उवागछित्ता एवं वयासी-एस
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