Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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नायापप्पकहाओ - 9/1१६/१७० देवाणुप्पिया कल्लं पाउप्पमायाए रयणीए उद्वियप्पि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणयरे तेयसा जलंते दुवयस्स रण्णो धूयाए चुलणीए देवीए अत्तियाए घट्टनुणस्स भगिणीए दोवईए रायवरकण्णाए सयंवरे भविस्सइ तं तुअ णं देवाणुप्पिवा दुवयं रायाणं अनुगिण्हेमाणा व्हाया जाव सव्यालंकारविभूसिया हत्थिखंधवरगचा सकोरेंट [मल्लदापेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं सेयवरचापराहिं वीइज्जमाणा हय-गय-रह-पवरजोह-कलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिबुडा महयामड-चडगररह-पहकर-विंदा-परिस्खित्ता जेणेव सयंवरामंडवे तेणेव उवागच्छह उवागछित्ता पत्तेयं-पतेयं नापंकिएस आसणेस निसीयह निसीइत्ता दोवइं राववरकण्णं पडिवालेमाणा-पडिवालेमाणाचिट्ठाह त्ति घोसणं घोसेह घोसेत्ता मम एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह तए ण कोडुवियपुरिसा तहेव जाव पच्चपिणंति तए णं से दुवए राया कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दायेत्ता एवं बयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया सयंवरमंड आसिय-संमजिओचलित्तं पंचवण्णपुप्फोवयारकलियं कालागरु- पवरकुंदुरुक्कतुरुक्क- [धूवडन्झंत-सुरभि-मघमत-गंधुद्धयाभिरामं सुगंधवरगंधगंधियं] गंधवट्टिभूयं पंचाइसंचकलियं करेह कारवेह करेत्ता कारवेत्ता वासुदेवपामोक्खाणं बहूणं रायसहस्साणं पत्तेयं-पत्तेयं नामंकियाइं आसणाई अत्थुयपच्चत्थुयाई रएह रएता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह तेवि जाव पच्चप्पिणंति
तए णं ते वासुदेवपामोक्खा बहवे रायसहस्सा कलं पाउप्पपायाए रयणीए उठ्ठियपि सूरे सहस्सररिसम्मेि दिणयरे तेयसा जलंते पहाया जाव सव्यालंकारविभूसिया हस्थिखंधवरगया सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं सेयवरचामराहिं वीइजमाणा हय-गव-[रहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धि संपरिवुडा महयाभङ-चङगर-रह-पहकर-विंदपरिस्विता] सब्बिड्डीए जाव दुंदुहि-निग्धोस-नाइयरवेणं जेणेव सरंवरामंडवे तेणेव उवागच्छंति उवागछिया अनुप्पविसंति अनुप्पयिसित्ता पत्तेयं-पत्तेयं नामंकिएम आसणेमु निसीयांत दोवइ रायवरकन्नं पांडेवालेमाणा-पांडबालेमाणा विट्ठति तए णं से दुवए राया कलं पाउप्पभायाए रयणीए उडियाम्मि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणवरे तेयसा जलंते ण्हाए जाव सुव्यालंकारविभूसिए हस्थिखंधवरगए सकोरेंट
मल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं सेचवरचापराहिं वीइजमाणे हय-गय-रह-परजोहकलियाए चाउरंगिणीए शेणाए सद्धिं संपरिबुडे महयाभइ चडगररहपहकर-विंदपरिक्खित्ते] कंपिल्लपुर नगरं मज्झंमज्झेणं निगच्छइ जेणेब सयंवरामंडवे जेणेव वासुदेवपामोक्खा वहवे रायसहस्सा तेणेव उवागच्छइ उवागछिता तेसि वासुदेवपामोक्वाणं करयत (परि गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कट्टजएणं विजएणं घद्धावेई] वद्धावेत्ता कण्हस्स वासुदेवस्स सेववरचामरंगहाय उववीचमाणे चिट्ठई ११२४t-118
(१७१) तए णं मा दोवई रायवरकन्ना कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए उहिमि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणयो तेवसा जलंते जेणेव मजणधरे तेणेव उव छइ उवागच्छित्ता मजणघरं अनुपविसइ अनुपविसित्ता हाचा कयदलिकम्पा कय-कोउय-मंगल-पायच्छित्ता सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वत्थाई पदर परिहिया मज्झणघराओ पडिनिक्खमइ पडिनिक्खिमित्ता जेणेव जिणघरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छिता जिणधरं अनुपविसइ अनुपविसित्ता जिणपडिमाणं अचणं करेइ करेत्ता वामंजाणं अंचेइ दाहिणं जाणं धरणितलंसि निहव तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणितलंसि निवेसइ इसिं पचुण्णमइ पच्चुण्णमित्ता करयलपरिग्गहियं अंजलि मत्थए कष्ट एवं बयाप्सी-नमोत्यु णं
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