Book Title: Agam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
नापाचम्मकहाओ - 9/-/१२/१४४ एवं वयासी-गच्छह णं तुब्वे देवाणुप्पिया अदीणसत्तस्स कुमारस्स रायाभिसेयं उचट्टवेह ते वि तहेव उवठ्ठवेति जाव अपिसिंचति जाव पव्वइए तए णं जियसत्तू रायरिसी एक्कारस अंगाई अहिजइ अहिजित्ता बहूणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणिता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता जाव सिद्धे तए णं सुबुद्धी एक्कारस अंगाई अहिज्जित्ता बहूणि वासाणि सामण्णपरियाग पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता जाव सिद्धे एवं खलु जंबू समणेणं भगवया महावीरेणं वारसमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्तेत्ति बेमि।९९।-92
.पदमे सयक्खंपेवारसमं अनपणंसफ्तं.
| तेरसमं अज्झयणं-मंडुक्के | (१४५) जइणं मंते समणेणं भगवया महावीरेणं बारसपस्स नायज्झयणस्स अयमद्वे पन्नत्ते तेरसमस्स णं भंते नावज्झयणस्त के अट्ठ पत्रत्ते एवं खलु जंबू तेणं कालेणं तेणं सपएणं रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए समोससणं परिसा निग्गया तेणं कालेणं तेणं सपएणं सोहम्मे कम्पे दहरवडंसए विमाणे सभाए सुहम्माए दहरंसि सीहासणंसि दद्दरे देवे चउहि सामाणियसाहस्सीहि चउहि अगमहिसीहिं सपरिसाहिं एवं जहा सूरियामे जाव दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ इमं च णं केवलकप्पं जंबुद्दीवे दीवं विउलेणं ओहिणा आभोएमाणे जाव नट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगए जहा-सरियामे भंतेति भगवं गोयपे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-अहो णं भंते दहरे देवे महिड्ढिए महज्जईए महब्बले महायसे महासोक्खे महाणुभागे दगुरस्स णं भंते देवस्स सा दिव्या देविड्ढी दिव्या देवजुत्ती दिवे देवाणुभावे कहिं गए कहिं अनुपविढे गोयमा सरीरं गए सरीरं अनुपविढे कूडागारदिटुंतो दहुरेणं भंते देवेणं सा दिव्या देविड्ढी दिव्या देवजुती दिव्वे देवाणुमाये किण्णा लद्धे किण्णा पत्ते किण्णा अभिसमण्णागए एवं खलु गोयमा इहेद जंबद्दीये दीये भारहे वासे रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए सेणिए राया तत्थ णं रायगिहे नंदे नाम मणियारसेट्ठी-अड्ढे दित्ते तेणं कालेणं तेणं समएणं अहं गोयमा समोसढे परिसा निग्गया सेणिए वि निग्गए तए णं से नंदे मणियारसेट्टी इमीसे कहाए लढे समाणे पायविहारचारेणं जाव पञ्जवासाइ नंदे मणियारसेट्ठी धप्पं सोचा समणोवासए जाए तए णंऽहं रायगिहाओ पडिनिखंते बहिया जणवयविहारेणं विहरामि तए णं से नंदे मणियारसेट्ठी अन्नया कयाइ असाहुदंसणेणं य अपजुवासणाए य अणणुसासणाए य असुस्सूसणाए य सम्मत्तपज्जवेहिं परिहायमाणेहि-परिहायमाणेहिं मिच्छत्तपनवेहिं परिवड्ढमाणेहिं-परिवड्ढमाणेहिं मिच्छत्तं विप्पडिवण्णे जाए यदि होत्था तए णं नंदे मणियारसेट्ठी अण्णया कयाइं गिम्हकालसयंसि जेट्ठमूलंप्सि मासंसि अट्टममतं परिगेण्हइ परिगेण्हित्ता पोसहसालाए [पोसहिए बंभचारी उमुक्कमणिसवण्णे ववगयमालावण्णगविलेवणे निखित्तसत्तमुसले एगे अबीए दब्मसंधारोवगए] विहरइ
तए णं नंदस्स अट्टमभरांसि परिणममाणंसि तहाए छुहाए य अभिभूयस्स समाणस्स इमेयारूवे अज्झस्थिए चिंतिए पथिए मणोगए संकप्पे समुप्पञ्जित्था-धण्णा णं ते [ईसरपभियओ संपुण्णा णं ते ईसरपभियओ कयत्था णं ते ईसरपभियओ कयपुत्रा णं ते ईसरपभिवओ कयलक्खाणा णं ते ईसरपभियओ कयविभवा णं ते ईसरपभियओ जेसिं णं रायगिहस्स बहिया बहओ वावीओ पोखरिणीओ [दोहियाओ गुंजालियाओ सरपंतियाओ सरसरपंतियाओ जत्य णं बहुजणो ण्हाइ य पियइ य पाणिवं च संवहइ तं सेयं खलु मम कलं पाउप्पमायाए रयणी जाव
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182